अंतरिक्ष विज्ञान के साथ अन्य क्षेत्रों में भी अनुशासन और समर्पण जरूरी– प्रो. गोपाल पाठक

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: अनुशासन हम सभी की सामूहिक जिम्मेवारी है। यह बात आज सरला बिरला विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने विवि प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम सह फोटो प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर कहा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय संचार ब्यूरो, रांची के तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए उन्होंने छात्रों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए जीवन में इसके महत्व पर जोर दिया। प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह साठ के दशक में उन्हीं के प्रयासों का प्रतिफल था कि देश में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना हुई और आज भारत अंतरिक्ष में नित नए कीर्तिमान गढ़ने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने विद्यार्थियों को समर्पण और अनुशासन के साथ शैक्षणिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करते की सलाह दी। मॉडल कॉलेज, राजमहल के प्राचार्य डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने उपस्थित श्रोताओं को चंद्रयान की उपलब्धि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत पारंपरिक आदिवासी नृत्य के साथ किया गया। इस अवसर पर निबंध और चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक ने किया। इस अवसर पर एसबीयू के प्रभारी कुलपति माननीय एस. बी. डांडिन, कुलसचिव प्रो. वी. के. सिंह, डॉ. नीलिमा, डॉ. संदीप, डॉ. पंकज गोस्वामी, डॉ. आर. एम. झा समेत विवि के अन्यान्य शिक्षक एवं विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन पर विवि के कुलाधिपति बिजय कुमार दलान और राज्यसभा सांसद माननीय डॉ. प्रदीप वर्मा ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

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