असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई की कोरोना संक्रमण से हुआ निधन, पीएम नरेन्द्र मोदी ने जताया शोक

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मुखर संवाद के लिये अरूण महापात्रा की रिपोर्टः-
गुवाहाटी: असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का आज निधन हो गया। असम के स्वास्थ्य मंत्री ​हेमंत विस्व सरमा ने यह जानकारी दी।असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। वे 84 साल के थे। उन्हें अगस्त में कोरोना हुआ था। वे एक बार ठीक हो चुके थे, लेकिन पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस से जूझ रहे थे। गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उन्होंने शाम 5 बजकर 34 मिनट पर आखिरी सांस ली। वे तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। सोमवार की सुबह उनकी की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई थी। कोरोना संक्रमित 84 वर्षीय कांग्रेस नेता का इलाज गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल पूर्व सीएम तरुण गोगोई के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए डिब्रूगढ़ के सभी कार्यक्रम रद कर गुवाहाटी लौट आए थे। उन्‍होंने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। उन्‍होंने ट्वीट कर लिखा था कि वह हमेशा मेरे लिए एक पिता के रूप में रहे हैं। मैं उनके स्‍वस्‍थ होने के लिए प्रार्थना कर रहे लाखों लोगों में शामिल होता हूं।असम के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके गोगोई को दो नवंबर को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें शनिवार की रात वेंटिलेटर पर रखा गया था। गोगोई 25 अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे।गोगोई का रविवार को 6 घंटे तक डायलिसिस किया गया था, लेकिन शरीर में फिर से टॉक्सिन जमा हो गए। इसके बाद उनका शरीर इस स्थिति में नहीं था कि दोबारा डायलिसिस किया जा सके। गोगोई 2 नवंबर से अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार को हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। 25 अगस्त को उन्हें कोरोना संक्रमण का पता चलने पर अगले दिन गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। कोरोना के चलते दूसरे कॉम्प्लिकेशंस होने की वजह से उन्हें 2 महीने अस्पताल में रखने के बाद 25 अक्टूबर को छुट्टी दी गई थी।गोगोई का जन्म 1 अप्रैल 1936 को हुआ था। वे 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहे। गोगोई ने कांग्रेस को लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई। सबसे लंबे समय तक असम का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। गोगोई 6 बार लोकसभा के लिए चुने गए। वे 1971 से 1985 तक तीन बार जोरहट से सांसद रहे। उसके बाद 1991-96 और 1998-2002 के दौरान कालीबोर के सांसद रहे।

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