
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
भारतीय जनता पार्टी राज्य विधानसभा के बजट सत्र में विधायक दल के नेता के बिना ही जाने की तैयारी में है। 24 फरवरी से झारखंड विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है। अभी तक भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव कराने की कोई योजना नहीं बनाई है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधायक दल के नेता को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा की है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से अभी प्रतीक्षा करने की बात कही गई है। बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र में भाजपा विधायकों की ओर से सरकार की योजनाओं पर गंभीर चर्चा की उम्मीद है।
विधायक दल का नेता नहीं रहने से सदन में भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ही विपक्ष की आवाज उठाएंगे। भाजपा ने अभी सचेतकों की नियुक्ति भी नहीं की है। हालांकि भाजपा के बड़े नेताओं का मानना है कि महीने भर लंबे बजट सत्र के बीच में भी विधायक दल के नेता का चुनाव हो सकता है। विधानसभा के बजट सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए शुक्रवार को स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो द्वारा बुलाई गई बैठक में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का कोई विधायक नहीं पहुंचा।
विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी ने अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है। प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते भाजपा विधायक दल के नेता को सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल होगा।विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की पीड़ा व्यक्त् करते हुए कहा कि सदन के लिए नेता प्रतिपक्ष आवश्यक है। उन्होंने सदन के संचालन के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है। नेता चयन के लिए भी भाजपा से आग्रह किया गया है। सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के वरिष्ठतम विधायक सीपी सिंह को आमंत्रण भेजा गया था। हालांकि वे बैठक में शामिल नहीं हुए। बीजेपी की अनुपस्थिति सदन की गंभीरता को निश्चित रूप से कम करती हुई नजर आ रही है। वहीं बीजेपी के विधायक दल के नेता का चयन नहीं होने पर सभी राजनीिितक दल आलोचना करने की स्थिति में दिख रहे हैं। वहीं विधानसभाघ्यक्ष भी इसे लेकर सवाल खड़ा कर रहे है।
