
रिपोर्टः- अशोक कुमार
रांची: झारखंड आंदोलन से पहचान बनानेवाली आजसू 2019 के विधाानसभा चुनाव में अपनी पुख्ता तैयारी करके उतरने का इरादा बनाया है। आजसू पूरी तरह से संगठन को फोकस करके चुनावी तैयारियों में उतरना चाहती है। आजसू के अंदर एक खेमा यह भी चाहता है कि पार्टी अकेले सभी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी करें। बीजेपी से गठबंधन होने की स्थिति में दहाई के आंकड़े में सीटें नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी ख्ुाद अकेले अपने दम पर चुनाव लड़े। आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो की अध्यक्षता में यह बैठक 25 सितंबर को पार्टी कार्यालय में होगी। इस बैठक में चुनाव तैयारियों के साथ-साथ वर्तमान राजनीतिक हालात तथा भाजपा के साथ गठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर भी चर्चा होगी। इसमें सभी केंद्रीय पदाधिकारियों, केंद्रीय सदस्य, आमंत्रित सदस्य, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष एवं अनुषंगी इकाइयों के प्रमुख को बुलाया गया है। भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू का आगामी विधानसभा चुनाव में 21 सीटों पर दावा होगा। रालजनीतिक सूत्रों के अननुसार 12 सीटों पर सहमति बन सकती है। 2014 में विधानसभा चुनाव में आजसू को आठ सीटें मिली थीं। इस बार आजसू और भाजपा कुछ सीटों की अदला-बदली भी कर सकती हैं। विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के संदर्भ में भाजपा-आजसू के बीच समझौता वार्ता अभी होनी है। कई ऐसी सीटें हैं, जहां दोनों पार्टियां लड़ना चाहती हैं। पर, दोनों एक बात पर सहमत हैं कि जिस सीट पर जीतने की संभावना जिसकी अधिक होगी, वही चुनाव लड़ेगा। आजसू को 2014 विधानसभा चुनाव में आठ सीटें मिली थीं, जिनमें से पार्टी ने पांच पर जीत हासिल की थी। आजसू संगठन के साथ साथ अपनी जीती हुई सीटों पर किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है।
