
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची /नयी दिल्लीः बिहार के बाद मतदाता पुनरीक्षण को लेकर अब पूरे देश में चुनाव आयोग पहल कर रहा है। बिहार के बाद पूरे देश में मतदाता पुनरीक्षण होना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दूसरे चरण में 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे। इसमें पश्चिम बंगाल समेत वह राज्य शामिल हैं, जहां चुनाव होने हैं।
बिहार के बाद पूरे देश में स्पेशल इंटेसिव रिवीजन की प्रक्रिया होनी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद इसका दूसरा चरण 28 अक्टूबर को रात 12 बजे से शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एसआईआर का दूसरा चरण नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में होगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य योग्य वोटरों को लिस्ट में शामिल करना और अयोग्य वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि देश में आखिरी बार स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 21 साल पहले हुआ था। अब यह जरूरी है।चुनाव आयुक्त ने बताया कि बीएलओ तीन बार हर घर में जाएंगे। इस दौरान मतदाताओं से मिलेंगे और लिस्ट में उनके नाम की पुष्टि करेंगे, उन्हें मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का फॉर्म देंगे। जो लोग घर से बाहर रहते हैं या दिन में ऑफिस जाते हैं। ये लोग ऑनलाइन अपना नाम जुड़वा सकेंगे। नई मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए मतदाताओं को पहले चरण में कोई डॉक्यूमेंट नहीं देना होगा। उन्हें सिर्फ यह बताना होगा कि 2003 में की मतदाता सूची में उनका नाम था या नहीं और यदि उनका नाम नहीं था को उनके माता-पिता का नाम था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सभी राज्यों की 2003 की मतदाता सूची देखी जा सकती है।चुनाव आयुक्त ने साफ किया कि अब किसी भी बूथ पर 1000 से ज्यादा मतदाता नहीं हो सकते। ऐसे में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के बाद पोलिंग बूथ की संख्या भी बदलेगी। ताकि, कहीं भी मतदाताओं की भीड़ न लगे। जिन 12 राज्यों में एसआईआर होना है। वहां, कुल 51 करोड़ मतदाता हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, भारत के नागरिकता अधिनियम में असम के लिए अलग प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वहां नागरिकता की जांच पूरी होने वाली है। 24वां एसआईआर आदेश पूरे देश के लिए था। ऐसे में यह असम पर लागू नहीं होता। इसलिए असम के लिए संशोधन के अलग आदेश जारी किए जाएंगे।
