

मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची : झारखंड में आज से सभी सरकारी कार्यालयों पर लगे ताले खुलेंगें और आज से फिर से राज्य सरकार अपने कार्यो को पटरी पर ला सकेंगें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस फैसले का महागठबंधन के ही विधायक बंधू तिर्की ने हेमंत सोरेन के इस फैसले का विरोध करते हुए इससे संक्रमण बढ़ानेवाला फेसला करार दिया है। विधायक बंधु तिर्की ने सोमवार से सरकारी कार्यालय खोलने पर पुनर्विचार करने की मांग राज्य सरकार से की है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकारी कार्यालय खुला रखना ठीक नहीं होगा। इससे संक्रमण और फैल सकता है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मई तक लॉकडाउन तथा शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से अनुपालन का आह्वान पूरे देश के नागरिकों से किया है। राज्य के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री भी यहां इसका सख्ती से पालन कराएं। झारखंड सरकार के आज से खुलनेवाले कार्यालयों में कई बातों पर ध्यान देते हुए कार्य किये जायेंगें। आज से राज्य के सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे, लेकिन कर्मियों की संख्या एक तिहाई ही होगी और वे भी रोस्टर के आधार पर उपस्थित होंगे। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सभी पदाधिकारी कार्यालय में मौजूद रहेंगे। सभी विभागों ने अपने-अपने कार्यालय के लिए रोस्टर सूची जारी भी कर दी है। कर्मियों की संख्या एक तिहाई से अधिक नहीं रखने का निर्देश दिया गया है लेकिन आवश्यकता पडने पर अधिक लोगों को बुलाया जा सकता है। इससे इतर स्वास्थ्य सेवा, पुलिस, होम गार्ड, अग्निशमन आदि विभागों के सभी कर्मी डयूटी पर रहेंगे। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी दफ्तरों में सैनिटाइजर का विशेष प्रबंध हो और कर्मियों को मास्क लगाकर आने के लिए कहा जाए। गृह मंत्रालय से जारी सुरक्षा मानकों का अक्षरशरू पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इस बीच झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने कार्यालयों को सैनिटाइज करने की मांग की है। कहा है कि एक भी कर्मी संक्रमित हुआ तो पूरे दफ्तर को क्वारंटाइन करना पड़ सकता है। झारखंड विधान सभा सचिवालय भी 20 अप्रैल से शर्तों के अधीन खोला जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारी कर ली गई है। एक ओर जहां झारखंड विधानसभा के उप सचिव ने इसकी जानकारी मुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को देते हुए उनसे अनुरोध किया है कि सभा सचिवालय कार्यालय परिसर में पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर थर्मल गन और फेस मास्क समुचित मात्रा और संख्या में उपलब्ध कराई जाए।
वहीं, दूसरी ओर सभा सचिवालय के कर्मचारियों और अफसरों के लिए विधानसभा सचिवालय द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है कि उन्हे शर्तों के साथ सभा सचिवालय में आना होगा। कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों को उपस्थिति आवश्यक नहीं है। विधानसभा भवन में लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभा सचिवालय खुला रहने के दौरान सभी संयुक्त सचिव अपने अधीनस्थ समिति और शाखा के कर्मियों को सोशल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का पालन करते हुए आवश्यकता अनुसार उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे। पुराने विधानसभा भवन की भांति नए विधानसभा भवन की साफ-सफाई एवं अन्य कार्य भी सुनिश्चित कराएंगे। मुख्य प्रतिवेदन, प्रभारी मुख्य मार्शल अपने स्तर से सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कर्मियों की उपस्थिति ड्यूटी रोस्टर के आधार पर सुनिश्चित करेंगे। अपर सचिव संयुक्त सचिव, उप सचिव एवं अवर सचिव के साथ तैनात अनुसेवक प्रतिदिन कार्यालय आएंगे। अध्यक्ष के कार्यालय एवं आवासीय कार्यालय, सचिव के कार्यालय एवं उनके आवासीय कार्यालय के अलावा कूपन शाखा, टंकण शाखा एवं प्रेषण शाखा में अनुसेवक अपने पदाधिकारी द्वारा तय किए गए रोस्टर के अनुसार कार्यालय आएंगे। अतिथि निवास एवं विधायक हॉल में प्रतिनियुक्त अनुसेवक उपसचिव स्थापना के द्वारा तय किए गए आदेश का पालन करेंगे। सभी पदाधिकारी और कर्मचारी फेस मास्क एवं पहचान पत्र अपने साथ रखेंगे। कोविड-19 के सुरक्षा एवं साफ सफाई का ध्यान रखेंगे। कार्यालय परिसर में गुटखा -तंबाकू प्रतिबंधित रहेगा। कार्यालय में अनावश्यक आगंतुकों का प्रवेश निषेध होगा। गेस्ट हाउस पूर्व की भांति 3 मई तक बंद रहेगा। लेकिन सरकार के फैसले का ािरोध उसके ही विधायक करेंगें तो ऐसे में सरकार को भी अपने निर्णय को लेकर सोचने को विवश होना पड़ेगा।
