

प्रयागराज से मुखर संवाद के लिये प्रमिला यादव की रिपोर्टः-
प्रयागराज: माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ का पवित्र स्नान किया जा रहा है। माना जाता है कि इस दिन संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति व्यक्ति को होती है, देवी-देवता भी इस दिन संगम तट पर डुबकी लगाने आते हैं। इस दिन रखे गए व्रत से उत्तम फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। माघ पूर्णिमा का स्नान महाकुंभ का पांचवां सबसे प्रमुख स्नान है, इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान किया जाएगा। माघ पूर्णिमा के पवित्र स्नान के दौरान 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के हिस्सा लेने की संभावना है। मान्यताओं की मानी जाए तो माघी पूर्णिमा कल्पवासियों का अंतिम स्नान कहा जाता है। माघी पूर्णिमा का स्नान करके कल्पवासी अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि माघी पूर्णिमा के दिन जो कल्पवासी अपने-अपने निवास स्थान की ओर रवाना होंगे। वह अलग रास्ते से जाएंगे जो आने वाली भीड़ महाकुंभ में पहुंचेगी वह अलग रास्ते से आएगी। करीब 10 लाख कल्पवासी अपने-अपने निवास स्थान की ओर रवाना होंगे. जिसमें देखा जाता है हर कल्पवासी एक गाड़ी में भरकर अपनी पूरी गृहस्थी लेकर महाकुंभ में पहुंचा था। ठीक उसी प्रकार से हर एक कल्पवासी एक गाड़ी लेकर अपने गृहस्थी समेटे अपने निवास की ओर पहुंचेगा, ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर जो तैयारी की गई है, उसे देखना रोचक होगा। माघी पूर्णिमा पर नया ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है. अब मेला क्षेत्र ही नहीं, पूरे शहर को 12 फरवरी तक नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कड़े लहजे में कहा है कि किसी भी स्थिति में जाम नहीं लगना चाहिए। अब मेला क्षेत्र ही नहीं, पूरे शहर को 12 फरवरी तक नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. कल्पवासियों के भी वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
दरअसल माघी पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल माघी पूर्णिमा का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन प्रयागराज संगम सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर स्नान का विशेष महत्व है. इसके साथ ही, लोग दान-पुण्य भी करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं।
माघी पूर्णिमा के दिन स्नान का समय ब्रह्म मुहूर्त में सबसे शुभ माना जाता है. इस समय स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, इस दिन व्रत रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने का भी विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा 2025, 12 फरवरी को मनाई जा रही है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और सत्यानारायण पूजा का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है।
