आतंकी संगठन अलकायदा का मोस्टवांटेड आतंकी जमशेदपुर से हुआ गिरफ्तार

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रांची: झारखंड अब आतंकी संगठनों के लिये सुरक्षित स्थान बनता हुआ नजर आ रहा है। हजारीबाग और जमशेदपुर से पहले भी आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। झारखंड में एटीएस ने एकबार फिर से सफलता पायी है और दुनिया का सबसे प्रमुख आतंकी संगठन का आतंकी झारखंड के लौहनगरी से गिरफ्तार हुआ है। पिछले तीन साल से फरार मोस्ट वांटेड आतंकी मो. कलीमुद्दीन मुजाहिरी को एटीएस ने कल गिरफ्तार कर लिया। आज एटीएस एसपी विजयालक्ष्मी ने कहा है कि कलीमुद्दीन का संबंध अलकायदा से है और इसे जमशेदपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को कलीमुद्दीन से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। एडीजी के अनुसार, कलीमुद्दीन आतंकी मो. अब्दुल रहमान अली खान उर्फ हैदर उर्फ मसूद उर्फ कटकी का सहयोगी है। इसका जेहाद के लिए लोगों को प्रेरित करना मुख्य काम था। कलीमुद्दीन पर आरोप है कि वो युवाओं को जेहाद के लिए प्रेरित कर संगठन में जोड़ता और देश के बाहर विभिन्न आतंकवादी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप में भेजा करता था। आतंकी कटकी को भी पुलिस ने जमशेदपुर से गिरफ्तार किया था। फिलहाल, वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में है। कलीमुद्दीन जमशेदपुर मानगो आजाद नगर का रहने वाला है। करीब तीन साल से वह फरार था। जमशेदपुर में भी इसके खिलाफ मामला दर्ज है। इससे पहले कलीमुद्दीन के घर कुर्की-जब्ती भी की जा चुकी है। कलीमुद्दीन आतंकवादी कार्यों को अंजाम देने के लिए आसनसोल, कोलकाता, गुजरात, मुंबई, यूपी और सऊदी अरब, अफ्रीका और बांग्लादेश की कई बार यात्रा कर चुका है। झारखंड एटीएस ने ओसामा बिन लादेन के वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा के एक खूंखार आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। इस मोस्‍ट वांटेड आतंकी के बारे में कहा जा रहा है कि यह स्‍लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। झारखंड एटीएस उससे अज्ञात स्‍थान पर रखकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है। वह भारत में अलकायदा के लिए सक्रिय आतंकवादी के रूप में काम कर रहा था। वह देश के युवाओं को जेहाद के लिए तैयार करके पाकिस्‍तान में जेहादी ट्रेनिंग कैंपों में प्रशिक्षण के लिए भेजता था। अलकायदा से जुड़े इस खूंखार आतंकी का पूरा नाम मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी, पिता- मो फारुख बताया गया है। वह झारखंड के जमशेदपुर के मानगो इलाके के आजादनगर थाना क्षेत्र का रहनेवाला बताया गया है। वह लंबे समय वर्ष 2001 से ही आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ है। देश भर की सुरक्षा एजेंसियों को वर्ष 2016 से ही अलकायदा के इस खूंखार आतंकी की तलाश थी। पिछले तीन साल से यह आतंकी अपना ठिकाना और अपनी पहचान बदलकर लगातार खुफिया विभाग को चकमा दे रहा था। अलकायदा का एक बार फिर से आतंकी का पकड़ा जाना निश्चित रूप् से झारखंड के लिये खतरे की घंटी दिखायी दे रहा है।

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