
इलाहाबाद से रंजन यादव की रिपोर्टः-
इलाहाबाद: आरएसएस को मुस्लिम विरोधी ही माना जाता रहा है लेकिन यह आंकड़ा आपको भी चैका सकता है कि आरएसएस के स्कूलों में मुस्लिम छात्रों की संख्या लागातार बढ़ रही है। यह बढ़ोतरी अभी सभी को ही चैंका रहा है। आरएसएस से जुड़ी संस्था विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूलों में मुस्लिम छात्रों की संख्या में पिछले तीन सालों से लगातार इजाफा हो रहा है। इन स्कूलों में अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है जिसकी वजह से पिछले तीन सालों में इन स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। विद्या भारती संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के इन स्कूलों में लगभग 12,000 मुस्लिम और ईसाई छात्र पढ़ते हैं। इसके अलावा विद्या भारती ने शिक्षकों के रूप में भी मुसलमानों की भर्ती की है। विद्या भारती के इन स्कूलों में मुस्लिम छात्र भी श्लोकों और मंत्रों का पाठ करते हैं। इतना ही नहीं, ये छात्र पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी आगे रहने की कोशिश में लगे हुए हैं। विद्या भारती के अतिरिक्त सचिव चिंतामणि सिंह के मुताबिक, श्हमारी अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही यहां मुस्लिम छात्रों की संख्या में वृद्धि का प्रमुख कारण रहा है। 2016 में 49 जिलों वाले पूर्वी यूपी में हमारे स्कूलों में मुस्लिम छात्रों की संख्या 6,890 थी, यह 2019 में बढ़कर 9,037 हो गई है। प्रदेश में विद्या भारती स्कूलों में लगभग छह लाख छात्र पढ़ते हैं, जिनमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। सिंह ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले कई मुस्लिम लड़के और लड़कियां खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और ऐकेडमिक्स में अपने स्कूल का नाम रोशन कर चुके हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की वजह से ही यहां छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आरएसएस के स्कूलों की संख्या देशभर में लागातार बढ़ रही है।
