आरबीआई ने जनता को कर्ज देने के लिये रेपो रेट को घटाया, आरबीआई गवर्नर ने की घोषणा

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मुखर संवाद के लिये आकांक्षा यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार की विेशष अनुरोध पर आरबाआई ने आम जनता के लिये कर्ज आसयानी से मिले इसे ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने रेपों रेट घटाया है। कोरोना संकट के कारण धीमी पड़ी आर्थिक गतिविधियों को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते यह सबसे काला दौर है और हमें उजाले की तरफ देखना है। दुनिया कोरोना बुरी गिरफ्त में है। दुनिया को 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका और बड़ी मंदी का अनुमान है। हालांकि, भारत के लिए 1.9ः जीडीपी वृद्धि का आईएमएफ का अनुमान जी20 देशों में सबसे अधिक है। साथ ही लोगों को कर्ज आसानी से मिले, इसलिए आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाया है। अब यह 4 से घटकर 3.75 पॉइंट होगा। इसके अलावा 3 वित्तीय संस्थानों को टीएलटीआरओ के जरिए 50 हजार करोड़ की मदद देने का ऐलान किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘आज मानव जाति सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। दुनिया कोरोना की बुरी गिरफ्त में है। दुनिया में बड़ी मंदी का अनुमान है। हम सबसे काले दौर में हैं, लेकिन हमें उजाले की तरफ देखना है। कोरोना संकट पर आरबीआई की पूरी नजर है। बैंकिंग सेक्टर पूरी तरह से काम कर रहा है। आईएमएफ ने भले ही भारत के लिए 1.9ः जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है, लेकिन यह अनुमान जी-20 समूह के बाकी देशों की तुलना में सबसे ज्यादा है। मुश्किल दौर में बैंकिंग सेक्टर मजबूती से खड़ा है, एटीएम ऑपरेशंस 91ः चालू हैं। एनपीए तय करने में किश्तें चुकाने में मिली 3 महीने छूट की अवधि नहीं गिनी जाएगी। उन्होने कहा कि प्री-मानसून खरीफ की बुवाई आक्रामक या तेज रही है। पिछले साल अप्रैल बनाम अप्रैल में धान की फसल 37 प्रतिशत तक रही है। 15 अप्रैल को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सामान्य दक्षिण पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान लगाया है। दीर्घकालिक औसत के आधार पर बारिश भी ठीक होगी।

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