ईडी की छापेमारी के बाद पूरी तरह से डर गये हैं झारखंड सरकार के अधिकारी, ईडी की छापेमारी के डर से पत्रकारों और आम जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी है चम्पई सोरेन सरकार ने !

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड की चम्पई सोरेन सरकार ईडी की छापेमारी से बेहद ही डरी हुई है और सचिवालय में फिर से ईडी की छापेमारी नहीं हो इसके लिये सरकार की ओर से पत्रकारों और आम लोगों के सचिवालय में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है। झारखंड मंत्रालय में पत्रकारों और आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। यह कदम झारखंड मंत्रालय में टेंडर कमीशन में हुई छापामारी के बाद उठाया गया है। हालांकि सोचने वाली बात यह है कि मंत्रालय में प्रवेश पर रोक किसने लगाया इसकी जानकारी न तो आइजी न ही डीआइजी और झारखंड मंत्रालय के सुरक्षा प्रभारी को है।टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी की झारखंड मंत्रालय में छापेमारी के बाद से ही पत्रकारों व आम जनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि पत्रकारों व आमजनों पर रोक किस माध्यम से लगा, इसकी जानकारी झारखंड मंत्रालय के सुरक्षा प्रभारी, गेट प्रभारी को भी नहीं है।रांची जोन के आइजी अखिलेश कुमार झा व रांची रेंज के डीआइजी अनूप बिरथरे ने भी रोक संबंधित किसी एसओपी व आदेश से खुद को अनभिज्ञ बताया है । यहां तक कि गृह सचिव कार्यालय के संज्ञान में भी ऐसा कोई आदेश नहीं है।

ईडी की छापेमारी के बाद झारखंड मंत्रालय में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटाकर नए पदाधिकारी प्रतिनियुक्त हुए हैं। उनसे पूछने पर कि पत्रकारों व आम जनों को रोकने संबंधित आदेश किसका है, वे नहीं बता पाए। सिर्फ इतना ही कहा कि ऊपर से आदेश है। ऊपर से आदेश किसने दिया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। झारखंड मंत्रालय में आठ मई को ईडी ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के कार्यालय में हुई थी। वहां से ईडी ने रिश्वत के 1.75 लाख रुपये के नए नोट बरामद किए थे। वहीं, ईडी ने मौके से 28 हजार रुपये के पुराने प्रतिबंधित नोट भी बरामद किया था। ये 500 केे पुराने नोट थे।

फिलहाल झारखंड मंत्रालय में जाने वालों को मंत्रालय के गेट से संबंधित पदाधिकारी को काल करना पड़ता है। वह पदाधिकारी मंत्रालय के सुरक्षा प्रभारी को काल करता है। इसके बाद सुरक्षा प्रभारी वायरलेस से गेट पर सूचना देता था, जिसके बाद गेट के सुरक्षाकर्मी उसे मंत्रालय में भीतर जाने की अनुमति देते हैं। झारखंड मंत्रालय में जाने वालों के लिए सुरक्षा संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया क्या है, यह अब तक नहीं बना है। सबकुछ मौखिक चल रहा है। झारखंड मंत्रालय के सुरक्षा प्रभारी ऊपर के आदेश का हवाला तो देते हैं, लेकिन ऊपर के किसका आदेश है, यह वे नहीं बता पाते हैं।

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