


मुखर संवाद: बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा की स्थिति लोटा वाली हो गयी है। जब ना तब वह लुढ़कती रहती है। लोजपा को बिहार में नीतिश कुमार का विकास पसंद नहीं है लेकिन नरेन्द्र मोदी के विकास में भविष्य दिखाई दे रहा है। लोजपा ने नीतिश कुमार को अपना नेता मानने से इंकार कर दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच लोक जनशक्ति पार्टी का मसला सुलझ गया है। पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्समंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया। साथ ही एलजेपी-बीजेपी सरकार बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। एलजेपी के सभी विधायक पीएम नरेंद्र मोदी को मजबूत करेंगे। इसके साथ अब यह तय हो गया है कि एलजेपी बिहार में 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।लोजपा ने जदयू चीफ नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। यह फैसला रविवार को दिल्ली में हुई पार्टी की संसदीय दल की बैठक में लिया गया। लोजपा एनडीए में मनचाही संख्या में सीट न मिलने से नाराज है। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि भाजपा के साथ कुछ सीटों पर लोजपा की फ्रेंडली फाइट होगी। पर पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार जरूर उतारेगी, जहां जदयू के प्रत्याशी होंगे। लोजपा भाजपा के साथ गठबंधन को तैयार है। चिराग पासवान ने इस संबंध में एक रिजोल्यूशन भी पास किया और कहा कि पार्टी के विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूत करने का काम करते रहेंगे। प्रस्ताव से पार्टी ने यह दिखाने की कोशिश की है कि अगर चुनाव बाद जरूरत हुई तो लोजपा और भाजपा मिलकर बिहार में सरकार बना सकती हैं।सीट शेयरिंग पर लोजपा के अड़ंगे के चलते एनडीए में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। अब जब लोजपा ने खुद ही अलग होने का फैसला कर लिया है तो भाजपा और जदयू के लिए आपस में सीटों का बंटवारा आसान हो गया है। सूत्रों के अनुसार जदयू और भाजपा ने आधी-आधी सीटें बांटने का फैसला किया है। विधानसभा की 243 सीट में जदयू और भाजपा 119 -119 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। बाकी बची 5 सीटें जीतनराम मांझी की हम को मिलेंगी । हां, अब वह पीएम नरेंद्र मोदी को गठबंधन में रहते हुए मजबूत करेगी या बाहर से समर्थन देगी, यह देखना बाकी है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी की यह आखिरी बैठक है। इस बैठक में तय हो गया कि एलजेपी 143 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। एलजेपी अपने लिए पसंद की 36 सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन उसे इतनी सीटें नहीं दी जा सकीं। एनडीए में चिराग को शामिल रखने को लेकर बीजेपी की तरफ से डैमेज कंट्रोल की हर मुमकिन कोशिश की। शुक्रवार से चिराग पासवान की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डाएवं गृहमंत्री अमित शाह से कई बार बात हुई। इसके बाद चिराग पासवान ने अब अपना फैसला ले लिया है।चिराग के फैसले पर बीजेपी व जेडीयू की नजरें टिकीं हैं। देर शाम बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक होने वाली है। बीजेपी चाहती है कि इसके पहले एलजेपी की स्थिति स्पष्ट हो जाए। बीजेपी के नेता अभी भी आशान्वित है कि लोजपा एनडीए में ही रहेगी।
