
मुखर संवाद के लिये शंभू यादव की रिपोर्टः-
हाजीपुर: राघोपुर से कई बार विधायक रहे और पूर्व मंत्री उदयनारायण राय ने राजद नेतृत्व से एमएलसी नहंी बनायें जाने पर नाराज होकर राजद की लालटेन को छोड़कर चले गये हैं। वैशाली जिले के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने बुधवार को राजद इस्तीफा दे दिया। उदय नारायण राय जनता पार्टी से राघोपुर से 1980 से 1995 तक विधायक थे। उदय नारायण राय के हाजीपुर से सीट छोड़ने पर ही लालू प्रसाद यादव 1995 में राघोपुर से विधायक बने। उसके बाद लालू यादव के परिवार का ही राघोपुर सीट पर कब्ज रहा। केवल 2010 में सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को चुनाव हराकर विधानसभ्ज्ञा पहुंचे थे। भोला राय के साथ ही राजद छोड़ने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष पंछी लाल राय सहित उनकी कमेटी के दर्जनों पदाधिकारी और अनेक प्रमुख, मुखिया भी शामिल हैं। उदयनारायण राय का कहना है कि राघोपुर में उन्होंने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और फिर तेजस्वी यादव को मदद की, लेकिन जब उनकी बारी तो मिलने तक से इनकार कर दिया। इस परेशानी को कई बार तेजस्वी तक पहुंचाने की कोशिश भी की गई। जिससे उनके साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता नाराज थे। उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने कहा कि राजद में रहना उनके स्वाभिमान के खिलाफ हो गया था। उन्होने कहा, हमने यह मांग की थी कि राघोपुर से किसी भी व्यक्ति को एमएलसी बना दीजिये, ताकि वह राघोपुर में रहकर यहां के लोगों के लिए काम कर सके। लेकिन हमारी ये मांग भी नहीं मानी गई। इस वजह से पार्टी छोड़ना ही उचित था। उदय नारायण राय उर्फ भोला राय के आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। हाजीपुर के पोखरा मोहल्ले में अपने आवास पर आयोजित कार्पायक्रम में पार्टी छोड़ने के दौरान उदय नारायण ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर कई आरोप भी लगाए। इस दौरान भोला राय ने आरोप लगाया कि राघोपुर से चुनाव जीतने के बाद तेजस्वी यादव ने राघोपुर पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि राघोपुर के लोगों से विधायक तेजस्वी यादव मुलाकात तक नहीं करते थे। उनका दरवाजा राघोपुर के लोगों के लिए नहीं खुलता था। इससे लोगों को काफी परेशानी थी।
