

रांची: अभी हाल ही में एक संस्था ने नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह को कर्मयोगी का पुरस्कार दिया तो मंत्री महोदय को खुशी नसीब हुई लेकिन भाजपा के सांसद महेश पोद्दार ने सी.पी. सिंह की ककर्मयसोगी होने के बयाज नकारा बताकर उनके कार्य करने की क्षमता पर ही सवाल खड़क कर दिये हैं। महेश पोद्दार ने कई बार सी.पी. सिंह के मंत्रालय में कार्य न होने की शिकायत तो की है वहीं उनके मंत्रालय पर सवाल उठाकर भ्रष्टाचार होने तक के इशारे किये हैं। वहीं सी.पी. सिंह ने सांसद महेश पोद्ार के भाजपा के प्रति वफादार होने पर शम जाहिर किया है। सी.पी ंिसह ने कहा है कि महेश पोद्दार के पास काम नहीं होने के कारण ऐसा बयान देते नजर आते हैं और वो भाजपा के प्रति वफादार भी नहीं है।मंत्री और सांसद की जुबानी जंग में विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका हाथ लग गया है। भाजपा सांसद महेश पोद्दार के द्वारा अपने ही सरकार के मंत्री सीपी सिंह पर लगाए गए गंभीर आरोप के बाद विपक्ष ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। झामुमो केंद्रीय महासचिस सुप्रीयो भट्टाचार्य ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि जब विपक्ष कोई आरोप लगाता है तो सरकार को हजम नहीं होती है। मगर अब खुद भाजपा के सांसद द्वारा नगर विकास मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा- सांसद के खुले पत्र में कई गंभीर सवाल खड़े किए गए है। इसमें कहा गया कि इसके पूर्व भी वे कई पत्र विभाग को लिख चुके हैं। मगर विभाग के मंत्री एवं अधिकारी ने उनका जवाब नहीं दिया। भाजपा सांसद ने कहा कि नगर विकास के नाम पर उन्होंने 600 करोड़ का घोटला किया। हरमू नदी के सौंद्रर्यीकरण के नाम पर 100 करोड़ की लूट हुई है। ड्रेनेज निर्माण में 200 करोड़ की गबड़बी हुई, इसके बाद भी ड्रेन की हालत 15 मिनट की बारिश में हालत खराब हो जाती है। पानी रोड में बहता है। क्योंकि नालियों की निकासी कहीं पर नहीं किया गया। उन्होंने कहा- भाजपा सांसद कहते हैं कि तालाब निर्माण के नाम पर शहर को कंक्रटीकरण कर दिया जा रहा है। तालाब को सांस लेने की जगह ही बंद कर दी जा रही है। भट्टाचार्य ने कहा कि नगर विकास मंत्री केवल अपने पाले हुए ठेकेदारों, अफसरों एवं इंजीनियरों को लाभ पहुंचाने के लिए योजनाएं बनवाते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और मंत्री, इंजीनियर एवं ठेकेदारों से इसकी राशि वसूल की जानी चाहिए। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि खुद सरकार के मंत्री सरयू राय यह कहते हुए मंत्रीपरिषद की बैठक में नहीं जा रहे हैं कि वहां पर लिया जा रहा निर्णय गैरकानूनी एवं गैर संवैधानिक है। अगर उन्होंने साथ दिया तो वे भी जेल जाएंगे। ऐसे मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की बातें कैसे कह सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि अब दो तीन माह का कार्यकाल बचा है अब कोई काम इमानदारी से करें।
इसके पूर्व भी सी.पी. सिंह पर हरमू नदी में जीर्णद्धार के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगा है।
