
रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांचीः ये फरवरी का महीना है। इस महीने में बसंत ऋतु की मादकता तो हैं ही वहीं वेलेनटाइन डे का खींचाव भी दिखााई दे रहा है। यही वेलेंटाइन डे का प्यार झाविमो के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भाजपा की ओर से खींचता हुआ नजर आ रहा है। ये भाजपा का ही प्रेम है कि बाबूलाल मरांडी अपनेों की बलि चढ़ाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। बाबूलाल मरांडी के साथ 2006 से साथ रहे प्रदीप यादव ने उस समय भाजपा से विद्रोह किया था जब बाबूलाल मरांडी गिरिडीह के सेवाटांड में उपवास करके भाजपा छोड़ी थी। अब बाबूलाल मरांडी भाजपा के बिना रह नहीं पा रहे हैं और वेलेंटाइन की बेकरारी कोई भी कदम उठाने को मजबूत कर रही है। सूत्रों के अनुसार, बाबूलाल मरांडी 6 फरवरी को अपने विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखायेंगे। वहीं बाबूलाल मरांडी की ओर से प्रदीप यादव को शो काॅज नोटिस के बाद गोड्डा के जिलाध्यक्ष नागेश्वर सिंह को बाबूलाल मरांडी का पुतला जलाने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
झारखंड विकास मोर्चा के विधायक प्रदीप यादव को पार्टी की ओर से शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में विधायक से 48 घंटे के अंदर जवाब भी मांगा गया है। जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बाद कही गई है। नोटिस में कहा गया है कि प्रदीप यादव ने पार्टी के निर्देश के बिना दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
जेवीएम के केंद्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से आपके द्वारा पार्टी के खिलाफ विभिन्न समाचार पत्रों में दिया गया बयान पार्टी के अनुशासन के खिलाफ प्रतीत होता है। यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ भी टिप्पणी आपके द्वारा की गई है, जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है। 20 जनवरी को गोड्डा में कांग्रेस के सीएए के खिलाफ आयोजित सभा में आपने पार्टी के निर्देश के बगैर भाग लिया और भाषण भी दिया। जबकि, पार्टी स्तर पर सीएए पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। पार्टी के निर्देश के बगैर 23 जनवरी को आप कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पार्टी के नेता राहुल गांधी से भी मिले हैं, जिसमें झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह भी मौजूद थे। अभी हाल ही में 30 जनवरी 2020 को गोड्डा में प्रेसवार्ता कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का भी आपने संकेत दिया है। यह सब दर्शाता है कि आप पार्टी के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं और आप कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। पार्टी अध्यक्ष के निर्देश के मुताबिक, इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण 48 घंटे के अंदर दें अन्यथा पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।
वहीं प्रदीप यादव ने कहा-मुझे अभी तक झाविमो का कोई नोटिस नहीं मिला है। 24 दिसंबर को झाविमो विधायक दल की बैठक में मुझे सर्वसम्मति से नेता चुना गया था। इसके बाद जब विधायक दल की बैठक ही नहीं हुई, तो मुझे नोटिस कैसे जारी किया जा सकता है। विधायक दल के नेता की हैसियत से मैं बाबूलाल मरांडी को नोटिस भेजूंगा। पूछूंगा कि वह पार्टी के फैसले के खिलाफ कैसे गए। बाबूलाल कहते थे कि कुतुब मीनार से कूद जाएंगे, पटरी पर सो जाएंगे, पर भाजपा में नहीं जाएंगे। अब पार्टी लाइन से अलग क्यों गए। मांडर से झाविमो के विधायक बंधु तिर्की को पार्टी ने 21 जनवरी को निष्कासित कर दिया था। बंधु पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप था। इस संबंध में बंधु से स्पष्टीकरण मांगा गया था पर तय समय तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की गई थी।
बंधु तिर्की पर की गई कार्रवाई और विधायक प्रदीप यादव को जारी नोटिस को अब झाविमो का भाजपा में विलय की कवायद से जोड़ कर देखा जा रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी समेत पार्टी के तीन विधायकों ने जीत दर्ज की थी। इसमें बंधु तिर्की और प्रदीप यादव शामिल हैं। बंधु को पार्टी ने पहले ही निष्कासित कर दिया है। दरअसल, 17 जनवरी को झारखंड विकास मोर्चा ने नई कार्यसमिति घोषित की थी। झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को सिर्फ कार्यसमिति का सदस्य बनाया था। पहले की कमेटी में प्रदीप यादव प्रधान महासचिव और बंधु तिर्की केंद्रीय महासचिव थे। कार्यसमिति में प्रदीप यादव की जगह मरांडी के खास माने जाने वाले जमशेदपुर के अभय सिंह को प्रधान महासचिव बनाया गया था। अभय सिंह की ओर से पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर प्रेस वार्ता बुलायी गयी है जिसमें विधायक प्रदीप यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर झाविमो को भाजपा में विलय का रास्ता साफ करने की कवायद किया जा रहा है।
