कहीं राहत तो कहीं गमवाला बजट पेश किया निर्मला ने

झारखण्ड देश

नयी दिल्ली: देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला केंद्रीय बजट पेश करते ुहए एक तरफ घर और इलेक्ट्रिक कार खरीदारी में छूट देकर मध्यम वर्ग को राहत देने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाकर सरकार ने हिसाब बराबर कर लिया है। मतलब ये बजट ‘एक हाथ दे और दूसरे हाथ ले’ की तर्ज पर तैयार किया है। बावजूद, इस बजट की ज्यादातर चीजें ऐसी हैं, जिनके पूरा होने को लेकरआसानी से विश्वास किया जा सकता है। माना जा रहा है कि पूर्ण बहुमत से केंद्र की सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार ने बजट-2019 में तात्कालिक राहत से ज्यादा भविष्य के भारत और उसकी आवश्यकताओं पर ध्यान दिया है। आइये जानतें हैं बजट की कुछ खास बातें और उनका आप पर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है। वित्त मंत्री ने 5 करोड़ रुपये या उससे ऊपर की आय वाले अमीरों के लिए टैक्स पर लगने वाला सरचार्ज बढ़ा दिया है। इसके अलावा जिनकी आय 2 से 5 करोड़ के बीच है, उनको 3 फीसद का सरचार्ज देना होगा। 5 करोड़ से ऊपर की आय पर 7 फीसद का सरचार्ज देना होगा।
होम लोन लेने वालों के लिए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कुछ महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की हैं। अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदने की सोच रहे हैं या घर खरीद चुके हैं और उसकी उम्मीद भर रहे हैं तो आपके लिए बजट अच्‍छी खबर लेकर आया है। होम लोन के ब्‍याज के पुनर्भुगतान पर पहले जहां सालाना 2 लाख तक की छूट मिलती थी, उसे बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है।

रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारतीय रेलवे की योजना है कि निजी भागीदारों को पर्यटन वाले रूट पर कुछ चुनिंदा ट्रेनें संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाए। साथ ही 22 स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गांव, गरीब और किसान हमारे केंद्र बिंदु हैं। हमारा जोर अब इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर है। भारतमाला परियोजना के जरिए हम देश के हर गांव तक पक्की सड़क पहुंचा रहे हैं और नेशनल हाइवे का निर्माण कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि नवीन ऊर्जा का निजी उद्यमशीलता को बढ़ावा देंगे। गांव में स्‍वच्‍छ भारत अभियान का काफी प्रभाव देखने को मिला है। लगभग 5.6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए। इनमें से 45 हजार शौचालय गूगल मैप पर हैं। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के लिए कई प्रोग्राम हैं।

वित्तमंत्री ने बजट 2019 में महिलाओं के लिए कई घोषणाएं का हैं। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ, मुद्र योजना के तहत महिलाओं को सस्ता लोन देने का एलान किया गया है। महिला उद्यमियों को अब एक लाख तक का लोन दिया जाएगा। साथ ही जन धन खाते वाले प्रत्येक सत्यापित महिला एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) सदस्य, 5000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति दी गई है। साथ ही कहा कि महिलाओं को अधिक से अधिक स्वावलंबी बनाना हमारी सरकार का लक्ष्य है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बताया कि अब हर गांव में स्वच्छ भारत अभियान को सस्टेनेबल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की तरह से काम करेगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान ने देश हर हिस्से को प्रभावित किया है।
मोदी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लिए भी नए बदलाव करने जा रही है। सरकार नई शिक्षा नीति लाने जा रही है जिसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों को उत्कृष्ट बनाने के लिए 400 करोड़ की राशि खर्च करेगी। सीतारमण ने कहा कि दुनिया के 200 टॉप कॉलेजों में भारत के सिर्फ 3 कॉलेज ही शामिल हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इन कॉलेजो की संख्या बढ़ाने के लिए नए प्रयास करेगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खेलों को हर स्तर पर बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड स्थापित किया जाएगा। खिलाड़ियों के विकास के लिए इसे खेलो इंडिया के अंतर्गत बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने टॉप संस्थानों को 400 करोड़ देने की बात भी कही।

बजट में किसानों, गरीबों और मध्‍यमवर्ग का विशेष ध्‍यान रखा गया है। लेकिन पेट्रोल-डीजल, सोना और कुछ अन्‍य चीजों पर कस्‍टम ड्यूटी बढ़ाकर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव लगभग हर सामान की कीमत पर होना तय माना जा रहा है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में डिजिटल इंडिया (क्पहपजंस प्दकपं) पर खासा जोर दिया है। बजट भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए कई घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत में इंटरनेट सेवा देने के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट में 6.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और यह 3.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये मोदी सरकार का अंतरिम बजट था जिसे पीयूष गोयल ने पेश किया था।

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