कहीं विधानसभा चुनाव में सी.पी. सिंह का पत्ता साफ करने की तैयारी तो नहीं

Jharkhand झारखण्ड

नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह

रांची: नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह को एक संस्थान ने कर्मयोगी हेाने का पुरस्कार क्या देने की घोषणा की उनके कर्म पर ही पराये ही नहीं बल्कि अपने ही पार्टी के लोग सवाल उठाने लगे। नगर विकास मंत्री कई बार से रांची विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। नगर विकास मंत्री सी.पी सिंह को अपने लोकप्रिय होने का भी एहसास होता ही हेागा। लेकिन उनके लोकप्रियता को अलोकप्रियता में बदलने में उनके ही पार्टी के सांसद महेश पोद्दार पूरे समय से लगे हुए हैं। महेश पोद्दार ने हमेशा ही नगर विकास विभाग के असफलता को लेकर अपनी साफगोई दिखायी है। महेश पोद्दार के सवाल उठाने के साथ ही नरग विकास मंत्री सी.पी. सिंह पर हमला करने का मौका लगे हाथ विपक्ष को भी मिल गया। हरमू नदी में सौंदर्यीकरण के नाम पर लगभग 100 करोड़ रूपये खर्च किये गये जिसमें जां होने पर ही दूध का दूध और पानी का पानी होने का सबूत मिल पायेगा। नगर विकास मंत्री सी.पी सिंह का विवादों का पूरा नाता है। वहीं हाल ही मंे विधानसभा चुनाव होने हैं और विधानसभा चुनाव में सी.पी. सिंह का पत्ता साफ कराने में भाजपा के कई नेता तन मन और धन से लगे हुए है। सी.पी .सिंह थोड़ी राहत तब महसूस कर रीहे थे जब झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष संजय सेठ ने इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव लड़ा और वह जीतकर लोकसभा चले गये। सी.पी. सिंह के ररास्ता का रोड़ा बने संजय सेठ तो उनके रास्ते से हट गये लेकिन पार्टी के कई नेता सी.पी. सिंह को घर बैठने की सलाह देते हुए दूसरों के लिये विधानसभा सीट खाली करने की नसीहत देते नहीं थकते। लोकसभा के चुनाव के पूर्व गिरिडीह लोकसभा सांसद रविन्द्र पांडे और बाघमारा के विधायक ढ़िल्लू महतो के बीच छिड़ी जंग में रविन्द्र पांडे को नुकसान झेलने को विवश होना पड़ा। रविन्द्र पांडे का टिकेट काटकर आजसू के कोटे में गिरिडीह को दे दिया गया। रांची विधानसभा सीट के लिये भी सी.पी. संह का टिकट काटने के लिये कहीं कोर्ठ इसी तरह का भाजपा नेताओं का प्लान तो नहीं है। भाजपा के नेता यह भलीभांति जानते हें की रांची विधानसभा सीट भाजपा के लिये सबसे सुरक्षित सीट है जिसपर किसी को भी पार्टी टिकट देगी वह विजयी आसानी से हो जायेगा। यह जानते हुए भाजपा के कई नेता इस सीट पर आंख गड़ाये हुए है। यही नहीं झारखंड भाजपा के एक कद्दावर नेता भी इसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके रास्ते का कांटा केवल नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह है जो हमेशा ही विवादों में घिेरे रहते हैं। सी.पी. सिंह को विवाद में घसीटकर उनका रांची विधानसभा से टिकट काटने की मंशा से भी राजनीति के जानकार इंकार नहीं कर रहे हैं। सी.पी. सिंह के बड़बोलेपन से भी रांची भाजपा के कार्यकर्ता नाराज रह रहे हैं। हाल के दिनों में नगर विकास मंत्री के संबंध में भाजपा के पुराने कार्यकर्ता यह बताते है। कि उनको कई बार विधायक रहने के कारण घमंड का भाव चढ़ गया है जो कार्यकर्ताओं के साथ अपने व्यवहार में गाहे बगाहें दिखाते ही रहते है। सी.पी सिंह के साथ विवाद और भाजपा नेताओ का बढ़ा तो निश्चित तौर पर भाजपा के लिये उनका टिकट काटना आसान हो जायेगा। रांची जिले के ही हटिया विधानसभा में वर्तमान विधायक नवीन जायसवाल और भाजपा की प्रत्याशी रही सीमा शर्मा को टिकट देने के सवाल पर भी सी.पी. सिंह का टिकट काट सकती है और हटिया के दो दावेदारा नवीन जायसवाल और सीमा शर्मा में से किसी को रांची विधानसभा में उतार सकती है। वहीं रांची और हटिया में से एक पर सवर्ण जाति के प्रत्याशी को तो दूसरी जगह पिछड़ा प्रत्याशी को मौका दिया जा सकता है। इस समीकरण ममें भी नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह को घाटा झेलना पड़ सकता है। राजनीति के जानकार तो यहां तक बता रहे हें कि महेश पोद्दार और सी.पी. सिंह के विवाद को हवा देने में भाजपा के वरीय नेता भी लगे हुए है ताकि उनकी स्वार्थसिद्धि हो सके। भाजपा में कोई नेता पार्टी के किसी नेता के विरूद्ध बयान यूं ही नहीं देता क्योंकि पार्टी के लाइन से बाहर जाने पर पार्टी अन्य पार्टियों अकी तरह तमाशा नहीं देखती बल्कि पार्टी कार्रवाई करती है। लेकिन सी.पी. सिंह के विरोध में महेश पोद्दार ऐसे ही बयान नहीं दे रहे हैं बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं का साथ भी उनके साथ दिखायी दे रहा है। फिलहाल तो मंत्री सी.पी. सिंह निशाने पर है तो इसका खामियाजा भी मंत्री जी को विधानसभा चुनाव में झेलना पड़ सकता है। सी.पी. सिंह के निराशाजनक बात यह भी है कि दिल्ली मंे उनके लाॅबी के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भी भाजपा में बहुत अच्छी स्थिति नहीं है जिसके कारण उनको परेशानी हो सकती है। फिलहाल सभी को इंतजार है सी.पी सिंह और उनके विरोधियों के अगले कदम का।

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