कैबिनेट विस्तार के साथ ही हेमंत सोरेन की मुसीबतें बढ़ी, हेमंत सोरेन के जमानत के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में की है अपील

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मुखर संवाद के लिये षिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाकर बहुमत हासिल करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया है। साथ ही कल देर शाम तक विभागों का बंटवारा भी किया, लेकिन इस बीच उनके लिए बुरी खबर सामने आई है। अगर सर्वाेच्च न्यायलय ने ईडी के पक्ष में फैसला सुनाया तो इसी साल होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले सत्तापक्ष को बड़ा झटका लग सकता है।
जमीन घोटाला मामले में आरोपित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। ईडी की ओर से हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हेमंत सोरेन की जमानत खारिज किए जाने की मांग की गई है।हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत की सुविधा प्रदान की थी। अदालत ने उन्हें 50-50 हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था। बड़गाईं अंचल के 8.66 एकड़ जमीन के घोटाले में हेमंत सोरेन को जमानत प्रदान करते हुए अदालत ने कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन पर जमीन पर कब्जा करने का जो आरोप लगाया है, उससे संबंधित एक भी दस्तावेज अभी तक ईडी कोर्ट में पेश नहीं कर सकी है। ईडी ने इस मामले में जिन लोगों के बयान लिए हैं, उससे भी साबित नहीं हो पा रहा है कि वह जमीन हेमंत सोरेन से जुड़ी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पूरा केस को देखने के बाद हेमंत सोरेन का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जमीन के अधिग्रहण और कब्जे में शामिल होने की बात साबित नहीं हो रही है।

बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था। पीएमएलए कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में याचिका की सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायालय ने 28 जून 2024 को अपना फैला सुनाया और हेमंत सोरेन को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि हेमंत सोरेन जमानत देने के लिए पीएमएलए की धारा-45 में निर्धारित दोनों शर्तों को पूरा करते हैं। हाइकोर्ट द्वारा फैसला सुनाये जाने के दिन ही निचली अदालत में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। किसी भी रजिस्टर, राजस्व रिकार्ड में उक्त भूमि के अधिग्रहण और कब्जे में याचिकाकर्ता की प्रत्यक्ष भागीदारी का भी कोई संकेत नहीं है। ईडी ने जो भी आरोप लगाए हैं और जिन लोगों के बयान पेश किए हैं, वह प्रार्थी को इस जमीन से संबंध रखने की पुष्टि नहीं करते हैं। ऐसे में अदालत प्रार्थी की जमानत याचिका स्वीकार करती है। ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

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