कोटा के भाजपा सांसद ओम बिड़ला बनेंगें लोकसभाध्यक्ष

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ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनाये जायेंगे

नई दिल्लीः भाजपा सांसद ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनाये जायेंगे। , मंगलवार को बिड़ला ने नामांकन पत्र दाखिल किया। वे राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। बिड़ला को दस दलों ने समर्थन दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- हमने कांग्रेस से बात की है। वे इसका विरोध नहीं करेंगे। केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिड़ला का नाम प्रस्तावित किया था। बीजू जनता दल (बीजद), शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), वाईएसआर कांग्रेस, जदयू, अन्नाद्रमुक और अपना दल ने बिड़ला का समर्थन किया है। ओम की पत्नी अमिता बिड़ला ने मंगलवार को कहा कि यह हमारे लिए बेहद गर्व और खुशी का पल है। उन्हें चुने जाने के लिए हम कैबिनेट के बहुत आभारी हैं। ओम मंगलवार को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे थे।
पहली, दूसरी और तीसरी लोकसभा को छोड़ दिया जाए तो ओम बिड़ला दूसरे टर्म में अध्यक्ष पद संभालने वाले चैथे व्यक्ति होंगे। नीलम संजीव रेड्डी 1967 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते और इसी टर्म में वे लोकसभा के स्पीकर भी बने।
लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी होंगे. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया इस पद के लिये बिड़ला की ओर से उनकी दावेदारी का नोटिस मिल गया है. बिड़ला ने निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से पहले अपनी दावेदारी का नोटिस पटल कार्यालय को सौंप दिया. ओम बिड़ला की बात करें तो वे कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गये हैं. सांसद बनने से पहले ओम बिड़ला तीन बार कोटा साउथ सीट से विधायक भी चुने जा चुके हैं। 23 नवंबर 1962 को जन्में बिड़ला ने भारतीय जनता पार्टी से सक्रिय राजनीति की शुरूआत की. छात्र राजनीति में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभायी. 1979 में वे स्टूडेंट यूनियन के अध्‍यक्ष चुने गये. भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्‍यक्ष पद पर भी वे काबिज रहे. पार्टी इनके कार्यों से इतनी खुश हुई कि आगे चलकर उन्हें नेशनल लेवल का पद दिया और पार्टी का युवा राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बनाया.
ओम बिड़ला 2003 में पहली बार कोटा साउथ से विधायक चुने गये. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार शांति धारीवाल को करीब 10 हजार वोटों से शिकस्त दी. इसके बाद उन्होंने 2008 और 2013 में कोटा साउथ से पार्टी का परचम लहराया. 2003-08 तक वे राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे. विधायक के बाद वे सांसद पहुंचे. 2014 में ओम बिड़ला को कोटा-बूंदी से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. इस 16वीं लोकसभा के चुनाव में उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया. इस चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार इज्यराज सिंह को 2,000,782 वोटों से मात दी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान की 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 17वीं लोकसभा के लिए 2019 में हुए चुनाव में भी भाजपा ने कोटा-बूंदी सीट से ओम बिड़ला पर विश्‍वास जताया जिसपर वे खरे उतरे और इस सीट से जीत दर्ज की.
राजनीति के अलावा ओम बिड़ला सामाजिक कार्यों में भी बढ-चढ कर हिस्सा लेते हैं. वे सामाजिक सेवा, राष्ट्र सेवा, गरीब, वृ्द्ध, ​​विकलांग और असहाय महिलाओं की सहायता करने में रुचि रखते हैं. वे विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद कर चुके हैं और अभी भी करते रहते हैं. विकलांगों को मुफ्त साइकिलें, व्हीलचेयर और कान की मशीन उनके द्वारा प्रदान की गयीं. बढ़ते प्रदूषण को लेकर वे चिंतित रहते हैं. यही कारण है कि हरियाली में कमी को देखते हुए उन्होंने कोटा में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए एक प्रमुख ष्ग्रीन कोटा वन अभियान लॉन्च किया. यही नहीं नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना उनके प्रयास से ही तैयार की गयी। राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव के रूप में उनके कार्यकाल को लोग आज भी याद करते हैं. इस दौरान उन्होंने गरीब, असहाय, गंभीर मरीजों को राज्य सरकार के माध्यम से 50 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी सहायता की. बाढ़ पीड़ितों की मदद और राहत अभियान में राहत दल का नेतृत्व भी उन्होंने किया. 15-16 अगस्त 2004 को कोटा शहर में बाढ़ पीड़ितों को आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं भी उनके द्वारा प्रदान की गयी.
ओम बिड़ला ने मास्टर की डिग्री गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज कोटा से ली. मार्च 1991 में डॉ अमिता बिड़ला के साथ शादी के बंधन में बंधे. उनकी दो बेटियां हैं. पहली का नाम अकांक्षा है जबकि दूसरी का नाम अंजली है. अकांक्षा चार्टर्ड एकाउंटेंट है जबकि अंजली रामजस कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई कर रहीं हैं. ओम बिड़ला के पिता का नाम श्री श्रीकृष्ण बिड़ला जबकि माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती शकुंतला देवी है. ओम बिड़ला के लोकसभाध्यक्ष बनने की खबर से राजस्थान के लोगों में खुशी की लहर है।

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