कोडरमा की अन्नपूर्णा देवी को पहलीबार महिला सांसद बनने का सौभाग्य क्या कोडरमा की जनता उन्हें देगी। यह सवाल के जवाब के लिये झारखंड की जनता को 23 मई तक इंतजार करना पड़ेगा। कोडरमा लोकसभा से भाजपा की जीत बरकरार रहने पर क्षेत्र को पहली महिला सांसद मिल सकता है। इस बार भाजपा ने राजद छोड़कर पार्टी में शामिल पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी को मैदान में उतारा है। पहली दफा कोई राष्ट्रीय दल ने किसी महिला को टिकट दिया है। सन 2009 में क्षेत्रीय दल झामुमो ने अवश्य ही क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा नेता स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा की पत्नी चंपा देवी को टिकट दिया था, लेकिन जीत नहीं सकी थीं। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के गठन के बाद से ही यहां पुरुष उम्मीदवारों का दबदबा बना रहा है। सन 1977 एवं 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के रीतलाल प्रसाद वर्मा ने चुनाव जीता था। जबकि 1984 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार तिलकधारी सिंह विजयी रहे थे। वहीं 1989 के आम चुनाव में पुनरू भाजपा के रीतलाल वर्मा तथा 1991 के मध्यावधि चुनाव में जनता दल प्रत्याशी मुमताज अंसारी को जीत मिली थी। सन 1996 में भाजपा रीतलाल प्रसाद वर्मा और 1999 में कांग्रेस के तिलकधारी सिंह को लोगों ने पंसद किया था। इसके उपरांत 2004 के आम चुनाव तथा 2006 के मध्यावधि चुनाव तथा 2009 के आम चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी लगातार जीत का रिकार्ड बनाया था। बाबूलाल ने 2004 में भाजपा, 2006 के मध्यावधि चुनाव में निर्दलीय तथा 2009 में अपनी पार्टी झाविमो से चुनाव जीता था। वहीं 2014 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में डाॅ. रवींद्र राय चुनाव जीते थे। 1977 में गठित कोडरमा लोकसभा के मतदाता 12 दफे पुरुषों को ही सांसद बनाया है। आसन्न लोकसभा चुनाव के पूर्व किसी राष्ट्रीय दल ने महिला को प्रत्याशी भी नहीं बनाया था। इस बार भाजपा ने एक महिला नेत्री पर भरोसा जताया है। गत चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि अब तक यहां बारह बार हुए चुनाव में सबसे ज्यादा बार भाजपा सांसद ही बने हैं। चुनावी गणित के हिसाब से यह सीट भाजपा के लिए ज्यादा मुफीद मानी जाती है। लोकसभा के अंदर आने वाले कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में फिलहाल पांच पर भाजपा का कब्जा भी है। केवल एक राजधनवार विधानसभा क्षेत्र पर माले काबिज है। क्षेत्र में भाजपा का सांगठनिक ताकत भी सबसे मजबूत है। हालांकि आसन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के सामने महागठबंधन के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी और माले नेता कामरेड राज कुमार यादव कड़ी चुनौती पेश कर रहे है। इन सबके बावजूद भाजपा को सांगठनिक ताकत और मोदी मैजिक पर भरोसा कायम है। अन्नपूर्णा देवी खुद यह स्वीकार करती है कि महिलाओं को आजादी के बाद उनकी राजनीतिक अधिकार मिलने अभी भी बाकी है। महिलाओं के लिये कोडरमा ने हमेषा ही पहल करने का प्रयास किया हैं जब मैं पहली बार घर की दहलीज से बाहर निकली थी तो इसी कोडरमा की जनता ने मुझे अपने मतो के सहारे विधायक बनाकर भेजा था। कोडरमा की जनता ने मुझे बहु के रूप् में नहीं बेटी के रूप में हमेषा स्वीकार किया है। जब बेटियों को अधिकार देने की बात आ रही है तो यही कोडरमा की जनता मुझे यहां से पहली महिला सांसद होने का गौरव भी प्रदान करेगी।
