
मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांचीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल सकती है। झारखंड सरकार की मंजूरी मिलने के बाद लालू प्रसाद यादव सहित झारखंड के सभी कैदियो को छोड़ने पर विचार किया जा रहा है जिनको सात साल की सजा मिली है।
लालू प्रसाद यादव को फिलहाल सात सप्ताह के लिये पेराॅल मिलने की संभावना जताई जा रही है। लाूलू प्रसाद यादव की जमानत को लेकर राजनीतिक दलो ंमें ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी चर्चा है। वहीं लालू प्रसाद यादव पहले से ही किडनी और मधुमेय की बिमारी से ग्रसित है जिसे लेकर चिन्ता जताई जा रही है। लालू प्रसाद यादव की जमानत को लेकर झारखंड सरकारी की उच्च स्तरीय बैठक भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई है। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के समर्थकों ने रिम्स में कोरोना वायरस मामलों की जांच के लिए स्थापित किए गये आइसोलेशन वार्ड का विरोध किया था। उनका कहना है,‘अस्पताल में लालू यादव भर्ती हैं, कई लोग उनसे मिलने आते हैं। लिहाजा इस प्रकार के आइसोलेशन वार्ड को कहीं और स्थापित किया जाना चाहिए।’
लालू यादव की सेहत को देखते हुए विधानसभा में लालू के सेहत पर चिंता जताते हुए विधायकों ने यह मांग उठायी थी। विधायक बिरंची नारायण और समरी लाल ने विधानसभा में रिम्स के पेइंग वार्ड से कोरोना आइसोलेशन वार्ड को हटाने की मांग की थी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रांची की होटवार जेल में सजा काट रहे हैं. गंभीर रुप से बीमार होने के कारण उन्हें रांची स्थित रिम्स के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दूसरी ओर वहीं सुप्रीम कोर्ट जेल में बंद कैदियों को जमानत पर या बेल पर रिहा करने की सोच रहा है. ताकि वहां भीड़ कम हो और कैदियों में कोरोना वायरस न फैले. कोर्ट ने सभी राज्यों से पूछा है कि क्या सात साल तक की सजा काट रहे कैदियों को जमानत दे दी जाए। ‘बार एंड बेंच’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस.ए. बोबड़े की बेंच ने सभी राज्यों को एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया है। ये कमिटी जेल की भीड़ कम करने पर काम करेगी. राज्यों से ये निर्धारित करने को कहा गया है कि किस वर्ग के कैदियों को, दोषियों को और अंडरट्रायल्स (विचाराधीन) कैदियों को रिहा किया जा सकता है, या किसे जमानत या पेरोल दी जा सकती है। इसके अलावा रिमांड होम में रह रहे जुवेनाइल कैदियों को रिहा करने को लेकर भी सुझाव देने को कहा है. यानी एक लाइन में कहें तो कोर्ट ने जेल-रिमांड होम में कोरोना वायरस के खतरे को रोकने के लिए राज्य सरकारों से सुझाव मांगा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ये ऑब्जर्व किया था कि भारत की जेलों में कैदियों की संख्या काफी ज्यादा है, इस वजह से वहां कोरोना वायरस फैलने का खतरा भी काफी ज्यादा है। इसे देखते हुए झारखंड सरकार लालू प्रसाद यादव की कोरोना से सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाह रहा है। इसलिये यह संभावना जताई जा रही है कि लालू प्रसाद यादव को जल्द ही जमानत दे दी जायेगी।
गौरतलब है कि पेइंग वार्ड के पहले तल्ले पर लालू प्रसाद भर्ती हैं, जबकि झारखंड सरकार के निर्देश पर रिम्स प्रबंधन की ओर से तीसरे फ्लोर पर आइसोलेशन विंग स्थिापित गया है। विंग में 18 कमरे हैं। चीन समेत अन्य देशों से आनेवाले लोगों को यहां भर्ती कर जांच के लिए उनका ब्लड सैंपल लिया जाएगा। संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज का उपचार भी यहीं किया जाएगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से कोई मुलाकात नहीं कर पा रहा है। अगले आदेश तक लालू प्रसाद यादव से किसी के भी मुलाकात पर रोक लगा दी गयी है। कोरोना वायरस के खतरा को देखते हुए रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव से अगले आदेश तक मुलाकात पर रोक लगी है
सुरक्षा के मद्देनजर यह रोक लगायी गयी है. जिस वक्त यह वार्ड बनाया जा रहा था उसी वक्त लालू प्रसाद यादव ने भी आपत्ति जतायी थी और कहा था कि इसे कहीं और बनाइये लेकिन लालू की इस मांग को दरकिनार करते हुए पेइंग वार्ड के तीसरे तल्ले पर 18 कमरों का आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया था।
