
नयी दिल्ली से आकांक्षा यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश की जनता को राहत देने का फैसला लिया है। केन्द्र सरकार ने व्यावसायियों के लिए मार्च- मई की जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 जून 2020 कर दी गई है। अंतिम तारीख बढ़ाते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा। सीतारमण ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये कहा कि पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के मामले में 15 दिन के भीतर जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर कोई विलंब शुलक और जुर्माना नहीं लिया जायेगा। ऐसे मामलों में देरी होने पर 9 फीसद की घटी दर पर ब्याज लगाया जायेगा। इस अवसर पर उपस्थित वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सबसे पहले जो भी वैधानिक और नियामकीय अनुपालन संबंधी दिक्कतें हैं सरकार की तरफ से उन्हें दूर करने के कदम उठाये गये हैं। वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। देरी से रिटर्न दाखिल करने के मामले में विलंब शुल्क को 12 फीसद से घटाकर 9 फीसद किया गया है। इसी प्रकार कारोबारियों के लिये स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को 30 जून 2020 तक जमा कराने पर 9 फीसद की घटी दर से विलंब शुल्क लिया जायेगा। इसमें किसी प्रकार की समयसीमा नहीं बढ़ाई गई है लेकिन देरी से जमा पर ब्याज दर को 18 फीसद से घटाकर 9 फीसद किया गया है। वहीं केन्द्र सरकार ने अपने बैंक के अलावे अन्य बैंकों के एटीएम से पैसे निकालने पर कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है। केन्द्र सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केन्द्र सरकार जल्द ही लोगों के लिये राहत पैकेज की भी व्यवस्था करेगी।
