



मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्ट
रांची: पूरे प्रदेश में कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों और छात्रों की समस्या को लेकर भाजपा नेताओं ने बुधवार को 10 बजे पूर्वाह्न से 4 बजे अपराह्न तक उपवास का कार्यक्रम रखा। हेमंत सरकार अदूरदर्शी और अनिर्णय की सरकार है ,इसमें संवेदनशीलता का घोर अभाव है।यह सरकार समस्याओं को लटकाने और जनता को भटकाने का काम कर रही है । ये बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने अपने आवास पर एक दिवसीय उपवास के बाद कही। उन्होंने कहा कि जितनी गंभीरता कोरोना संकट में राज्य सरकार की दिखनी चाहिय थी, उतनी नही दिखी। हेमंत सरकार एक मुहल्ले की सरकार बनकर रह गई। पूरे प्रदेश की जनता को इसने भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैंपल जांच की गति धीमी है,लॉक्ड डाउन में सख्ती का अभाव है।और यह सब इनकी नीति और नियत साफ नही होने के कारण ऐसा हो रहा।यह सरकार महामारी को भी तुष्टिकरण के चश्मे से देख रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को शुरुआती दिनों से ही सहायता उपलब्ध कराने में कोई कमी नही कर रही परंतु प्रदेश नेतृत्व में आपदा से निपटने हेतु प्रबंधन का अभाव है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से उपलब्ध राशन का वितरण भी यह सरकार गरीबों तक नही करा पा रही। दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रवासी मजदूरों,पढ़ाई केलिये अन्य राज्यों में गए छात्रों, इलाज केलिये गए मरीजों और उनके परिजनों की इस सरकार को कोई चिंता नही है। ना तो सरकार के पास सही आंकड़े हैं ना तो कोई कार्य योजना । उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवासी मजदूरों,छात्रों की परेशानियों को महसूस कर रही है ।और इसीलिये आज पूरे प्रदेश में उपवास करते हुए हमने सरकार को जगाने और इस दिशा में ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की है।
भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के लगभग 9 लाख प्रवासी मजदूर आज विभिन्न राज्यों में फंसे है ,उनके परिजन चिंतित है परंतु सरकार की मशीनरी उनतक पहुचने में विफल है। 1 महिने के बाद भी यह सरकार आंकड़ा नही जुटा सकी।केंद्र सरकार ने गरीबों केलिये राशन मुहैया कराया है उसका वितरण तक नही करा पा रही सरकार।इसमें भी काला बाजारी की शिकायत मिल रही। श्री मरांडी ने कहा कि देश के अन्य राज्य अपने अपने प्रदेश के प्रवासी छात्रों की चिंता कर रहे है परंतु हेमंत सरकार आरोप प्रत्यारोप में समस्या को टाल रही।ऐसे गंभीर परिस्थिति में सरकार अकर्मण्य बनी हुई है।
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने प्रवासी झारखंडी मजदूरों, कामगारों और छात्रों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये के विरोध में रांची स्थित आवास पर उपवास रखा। कहा कि झारखण्ड की हेमंत सरकार राज्य से बाहर फंसे मजदूरों, कामगारों और छात्रों के प्रति गंभीर नहीं है। सरकार का समय कोरोना महामारी से निपटने से ज्यादा आरोप-प्रत्यारोप में बीत रहा है। झारखण्ड के नौ लाख से ज्यादा मजदूर दुसरे प्रदेश में फंसे हुए हैं। उनतक कोई सुविधा सरकार की तरफ से मुहैया नहीं कराई गयी है। राज्य सरकार ने मजदूरों के लिए एक ऐप जारी किया लेकिन वह ऐप खुलता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मुखिया से लेकर मंत्री तक सिर्फ केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने झारखण्ड को हर तरह से सुविधा मुहैया कराई है। केंद्र सरकार की तरफ से झारखण्ड को अबतक लगभग 2500 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गयी है। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के तहत 1525 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 232 करोड़, प्रधानमंत्री जन धन योजना में 356 करोड़, उज्जवला लाभुकों के लिए 235 करोड़ रुपये, पेंशन आदि के लिए 65 करोड़ रुपये झारखण्ड सरकार को प्रदान की गयी है। इतना ही नहीं एक लाख 31 हजार 850 मैट्रिक टन खाद्य सामग्री, 5711 मैट्रिक टन दाल की आपूर्ति झारखण्ड को केंद्र की तरफ से की गयी है। नौ लाख 38 हजार लाभुकों के बीच रिलीफ फूड का वितरण किया गया है। इसके बाद भी राज्य सरकार में बैठे लोग केंद्र पर अंगुली उठा रहे हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपवास के बाद कहा कि कठिन परिस्थितियों में ही व्यक्ति हो या सरकार उसकी परीक्षा होती है। कोरोना संकट में हेमंत सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है। आज लाखों मजदूर सहायता को तरस रहे है ,बच्चे हतोत्साहित होकर घोर निराशा में है और राज्य सरकार बयानबाजी में उलझ कर रह गई है। ऐसे में राज्य की जनता का हेमंत सरकार से भरोसा उठ रहा है।
पूरे प्रदेश में उपवास कार्यक्रम में जिसमे अपने अपने घरों से ही पार्टी के कोर कमिटी सदस्य, प्रदेश पदाधिकारी, सांसद विधायक गणजिलाध्यक्ष गण पार्टी से जुड़े मेयर ,डिप्टी मेयर,जिला परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष,पार्टी के वरिष्ठ नेता गण शामिल हुए। उपवास पर बैठे नेताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से भी जनता के बीच अपनी बातों को रखते हुए ध्यान आकृष्ट कराया।
