

मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची से अशोक कुमार, मुंगेर से संजय और इंदौर से संभव यादव की रिपोर्टः-
रांची/ इंदौर: देश कोरोना से लड़ रहा है और जहां प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक कोरोना को लेेकर दिनरात परेशान हैं वहीं एक ऐसा समाज जो पूरी दुनिया में कोरोना से प्रभावित है वहीं समाज देश में कोरोना को फैलाने में लगा हुआ है। पहले नयी दिल्ली में तब्दीगी जमात ने पूरे देश में जा जाकर कोरोना के वाहक बने हुए हैं। वहीं मध्यप्रदेश के इंदौर में , बिहार के मुंगेर में और झारखंड के रांची के हिन्दपीढ़ी में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य टीम पर हमला करके यह साबित कर दिया है कि चंद लोगों के कारण पूरी मुस्लिम समाज पर उंगली उठने लगी है। क्या वाकई मुस्लिम समाज के चंद लोग कोरोना के वाहक और समर्थक बनकर सामने आये हैं। मुस्लिम समाज के लागों ने इंदौर, मुंगेर और रांची में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करके यह साबित कर दिया है कि यदि देश मंे कोरोना का संकट आया तरो उसके जिम्मेदार मुस्लिम समालज ही होगा। मुस्लिम समाज के कारण देश की जनता संकट में आ सकती है जब यह बिमारी महामारी का रूप् अख्तियात कर लेगी तो वहीं यह केवल मुसलमानों को ही नहीं मारेगी बल्कि उससे हिन्दू, सिख और ईसाई भी शामिल होगी। कोरोना के खतरे को देखते हुए भी मुस्लिम समाज के लागे चेत नहीं रहे हैं कि यह बिमारी यदि अपनी जड़े भारत में जमा लेगी तो भारत में भी इटली जैसे हालात होते देर नहीं लगेगी। अब आप मुस्लिम समाज के चंद लोगों की बेवकूफी तो देखिये कि कैसे ये चंद जाहिल पूरे देश को कोरोना की जांच रोककर पूरी मानवता को खतरे में डाल रहे हैं। आप ही देखिये कि मध्यप्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल में, रांची के हिन्दपीढ़ी में और बिहार के मुंगेर के हजरत चैक में स्वास्थ्य कर्मियों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने हमला कर दिया जब स्वास्थ्यकर्मी उस इलाके में कोरोना के संक्रमण की जांच करने गये थे। इन तीनों जगहों से कोरोना पोजेटिव के मामले पाये गये हैं। बिहार के मुंगेर के इसी इलाके से कोरोना की राज्य में पहले मरीज की मौत हुई है। वहीं मध्यप्रदेश के इंदौर और झज्ञरखंड के रांची के हिन्दपीढ़ी में कोरोना पोजेटिव के मरीज मिल चुका है। इसके वावजूद मुस्लिम समाज के चंद जाहिल लोगों ने पूरी मानवता को शर्मसार करनेवाला काम किया है।
देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस की जांच करने पहुंचे स्वस्थ्यकर्मियों पर हुए हमले और पथराव के बाद झारखंड की रांची राजधानी में भी ऐसी ही नौबत आ गयी थी।आज गुरुवार की सुबह हिंदपीढ़ी में जब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जांच करने के लिए पहुंची, तो इलाके के लोग उत्तेजित हो गये और हाथों में पत्थर उठा लिये। हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और लोगों पथराव करने से रोक दिया। लोगों के गुस्से को देखते हुए मेडिकल टीम को वापस भेज दिया गया। 31 मार्च को हिंदपीढ़ी की एक मस्जिद में जमात में शामिल होने आयी मलयेशियाई मूल की एक महिला के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
बुधवार को आदेश दिया गया कि गुरुवार को हिंदपीढ़ी इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों की 100 टीमों को भेजकर पूरे इलाके के लोगों की जांच करायी जाये, ताकि इस जानलेवा विषाणु से पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर क्वारेंटाइन किया जा सके और उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। हिंदपीढ़ी इलाके के 90 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया था। जब मेडिकल की टीम वहां पहुंची, तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने जांच कराने से साफ इन्कार कर दिया. पुलिस और प्रशासन ने अंजुमन के लोगों से बातचीत की और इसके बाद सदर अस्पताल से आयी आंगनबाड़ी सेविकाओं को वापस भेज दिया गया।
अंजुमन के लोगों ने कहा कि प्रशासन गुरुनानक अस्पताल में लोगों की जांच की व्यवस्था करे। टीम के किसी भी सदस्य को क्षेत्र के लोगों के घर में जाकर जांच करने की इजाजत नहीं दी जायेगी। यदि गुरुनानक अस्पताल में कैंप लगा दिया जाये, तो लोग वहां जाकर अपनी जांच कराने के लिए तैयार हैं। रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से प्रशासन की वार्ता चल रही है. उम्मीद है कि लोग जांच के लिए तैयार हो जायेंगे। वहीं हिंदपीढ़ी के नाला रोड में लोगों की जांच करने पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया गया. हालांकि, हमले की पुष्टि नहीं हुई है. सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों के घर-घर जाकर जांच करने के विरोध की बात सामने आयी है। पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी हिंदपीढ़ी में मौजूद हैं और लोगों को समझाकर स्वास्थ्य जांच के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं। रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में जहां मलेशिया की महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। स्क्रीनिंग के लिए गई मेडिकल टीम से स्थानीय लोग भीड़ गए। वे लोग मेडिकल टीम को इलाके में डोर टू डोर स्क्रीनिंग के लिए प्रवेश नहीं करने दे रहे थे। स्थानीय वार्ड पार्षद साजदा खातून की अगुवाई में लोगों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि इससे कोरोना का इंफेक्शन बढ़ जाएगा। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे रांची के ट्रैफिक एसपी अजित पीटर डुंगडुंग ने लोगों को समझाया। काफी जद्दोजहद के बाद इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम घुस पाई। इसके बाद मेडिकल टीम ने इलाके में डोर टू डोर स्क्रीनिंग शुरू की। हिंदपीढ़ी में स्क्रीनिंग के लिए जा रहे मेडिकल की टीम को गुरु नानक स्कूल के पास लोगों ने रोक दिया। वे लोग इलाके में स्क्रीनिंग करने से मना कर रहे थे। कुछ देर के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को रोका गया। लेकिन मौके पर ट्रैफिक एसपी अजित पीटर डुंगडुंग पहुंचे और सभी को समझाया बुझाया। इसके बाद स्क्रीनिंग शुरू कर दिया गया है। पुलिस की मौजूदगी में डोर टू डोर स्क्रीनिंग चल रही है।हिंदपीढ़ी क्षेत्र में कोरोना से पीड़ित संदिग्धों की जांच करने पहुंची मेडिकल टीम को स्थानीय लोगों ने गुरुनानक स्कूल के पास रोक दिया। वार्ड पार्षद साजदा खातून ने बताया कि फिलहाल क्षेत्र में इस बीमारी से कोई भी ग्रसित नहीं है। ऐसे में मेडिकल टीम एक-एक घर में जांच करने जाएगी तो बीमारी फैलने की संभावना है। इसी कारण से स्थानीय लोगों ने मेडिकल टीम को हिंदपीढ़ी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका है। एक तरफ वार्ड पार्षद साजदा खातून मेडिकल टीम को जांच से रोक रही थी, दूसरी ओर वह हिंदपीढ़ी में दूसरे दिन भी सफाई व्यवस्था ठप रहने पर नाराज दिखीं। साजदा खातून का कहना है कि इस क्षेत्र में कोरोना से संक्रमित पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद सफाईकर्मी भी डरे हुए हैं। जोनल सुपरवाइजर और मल्टी सुपरवाइजर भी हिंदपीढ़ी क्षेत्र में जाने से कतरा रहे हैं। हालांकि रांची नगर निगम के माध्यम से सैनिटाइजेशन का काम इंफोर्समेंट टीम की निगरानी में जारी है। उन्होंने कहा कि हिंदपीढ़ी क्षेत्र में कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत हैं। नगर निगम के अधिकारी भी सफाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही पूरे क्षेत्र में महामारी फैल जाएगी।
इस घटना के आने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हिन्दपीढ़ी के लोगों के सामने गिड़गिड़ाते हुए नजर आये। स्वास्थ्यकर्मियों को रोकने वाले लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय उनसे अपील की है। हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना को रोकना है तो हमें रुकना होगा। राज्यवासियों को जल्दबाजी नहीं करनी है। खुद की सुरक्षा, अपने परिवार की सुरक्षा और समाज की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेवारी है। इस बात को समझने और खुद में उतारने की आवश्यकता है। हिंदपीढ़ी में एक महिला कोरोना संक्रमित मिली है। ऐसी स्थिति में वहां के लोगों की जांच बेहद जरूरी है। बड़े पैमाने पर जांच होगी। सरकार हिंदपीढ़ी में जांच शिविर लगाने पर विचार कर रही है ताकि घर-घर जाने की आवश्यकता स्वास्थ्यकर्मियों को न पड़े। मेरा सभी से अनुरोध होगा कि इस कार्य में हिंदपीढ़ी वासी प्रशासन को सहयोग करें। यह उनकी ही सुरक्षा के लिए किया जा रहा कार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक जांच हो। यह तय किया जा रहा रहा है। जांच के लिए व्यवस्था की जा रही है। इस समय एहतियात बरतना अहम है, इसको प्राथमिकता देनी है। वरीय अधिकारियों को इस संबंध में आदेश दिया गया है। बाहर से आनेवाले लोग स्वतः जांच कराएं, इसमें डरने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं बिहार के मुंगेर जिले में भी इस तरह की घटना हुई है। मुंगेर के हजरतगंज चैक पर भी स्वास्थ्यकर्मियों के उपर पथराव किया गया जब स्वास्थ्य कर्मी इस इलाके के एक घर से कोरोना संदिग्ध की जांच करने गये थे। यह वहीं इलाका है जिसमें बिहार के पहले कोरोना मरीज की मौत हुई है। ऐसे में मुंगेर के इस मुस्लिम इलाके में स्वास्थ्यकर्मी जाने से भी डर रहे हैं जिससे इस इलाके में कोेरोना का खतरा बढ़ गया है।
दूसरी ओर मध्यप्रदेश के इंदौर में भी कुछ इसी तरह की खबर मुस्लिम इलाके से आयी है। इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार को कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्यकर्मी जान बचाकर भागे। उपद्रवियों ने बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। पुलिस ने इनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया है। घटना दोपहर सवा बजे टाटपट्टी बाखल की है। सिलावटपुरा में एक कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार स्क्रीनिंग कर रही है। संदिग्धों की जांच की जा रही है। इसी दौरान यहां लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने पुलिस को बताया कि बुधवार को एक पॉजिटिव के कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी। वे उसे देखने के लिए वहां गए थे। टीम ने जैसे ही उसके बारे में पूछना शुरू किया तो सामने से आए कुछ उपद्रवियों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। टीम कुछ समझ पाती इसके पहले ही चेहरे पर रुमाल बांधकर कई लोग आ गए और चिल्लाते हुए पत्थर मारने लगे। इससे बचने के लिए महिलाएं और पुरुष स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर अपनी कारों की तरफ भागे। पता चला है कि उनके साथ एक तहसीलदार भी मौजूद थे। उपद्रवी पथराव करते हुए गली से मेनरोड की तरफ भागे। स्वास्थ्यकर्मी कार से सीधे थाने की तरफ भागे। निगम के एक कर्मचारी कुलदीप का कहना है कि रविदासपुरा में कोने पर पानी भरा था, इसलिए उनकी टीम वहां काम कर रही थी। तभी पत्थरबाजी हुई। उन पर भी हमला हुआ तो वे लोग भाग निकले। इंदौर के एसएसपी राजेश व्यास का कहना है कि टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ विभाग की टीम आई थी। उनके साथ जवान भी मौजूद था। एक बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए ले जाना था। तभी कुछ लोगों ने विरोध किया। बैरिकेड्स तोड़े और पथराव भी किया गया है। इस पर पुलिस अलग से संज्ञान ले रही है। क्वारैंटाइन करने के नाम पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर परेशान करने का आरोप लगाने वाले परिवार के 3 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। मंगलवार रात आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई। इन लोगों ने मंगलवार को दिन में एक वीडियो जारी कर ये आरोप लगाए थे और कहा था कि उनके परिवार में सब स्वस्थ हैं और जरूरत पड़ने पर 100-100 डिप्स भी लगा सकते हैं।
पूरे देश में अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर किस वजह से मुस्लिम समाज कोरोना का समर्थक बन गया है जब पूरी दुनिया कोरोना के खतरे के कारण डरी हुई है। एक तरफ मरकज में भाग लेनेवाले लोग पूरे देश में कोरोना को फैला रहे हैं वहीं मुस्लिम इलाके में कोरोना के जांच में जुटी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला कर क्या संदेश दे रहे हैं।
