


मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्ट-
गिरिडीह/ धनबाद:
झारखंड के गिरिडीह के चुनावी रण में 3 दिग्गज कुर्मी नेता आपस में भिडे हैं झामुमो के मथुरा महतो, आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी और निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो। मथुरा महतो और चंद्रप्रकाश चौधरीझारखंड की अलग-अलग सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। गिरिडीह झारखंड की इकलौती ऐसी सीट है जहां किसी राष्ट्रीय पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है. बल्कि दो क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन- आजसू के बीच लड़ाई है। इसके साथ ही 14 और उम्मीदवार यहां से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से 7 निर्दलीय हैं. लेकिन सिर्फ 3 ही स्थानीय नेता हैं। जेएमएम उम्मीदवार मथुरा महतो धनबाद के बाघमरा विधानसभा के और आजसू उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी रामगढ़ के रहने वाले हैं। इन दोनों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के प्रमुख और निर्दलीय उम्मीदवार जयराम महतो दे रहे ळैं। जयराम हतो टुडी विधानसभा क्षेत्र के तोपचांची के रहनेवाले हैं। कुर्मी बहुल गिरिडीह लोकसभा सीट पर अब तक कुर्मी वोटर ही जीत-हार तय करते रहे हैं। पर इस बार 3 कुर्मी नेताओं के मैदान में उतरने से किसी एक उम्मीदवार को अपनी जाति का एकमुश्त वोट मिल पाना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में दूसरे जातीय समूहों की गोलबंदी और समर्थन के आधार पर बनने वाले समीकरणों के निर्णायक होने की उम्मीद जतायी है। ऐसे में ब्राह्मण और भूमिहार और अन्य पिछड़ी जातियों के वोटर बड़ा फैक्टर साबित हो रहे है।
गिरिडीह में गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले की 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से 3 पर जेएमएम और एक-एक पर कांग्रेस, बीजेपी तथा आजसू का कब्जा है। झारखंड की यही एकमात्र सीट है, जो बीजेपी ने वर्ष 2019 के बाद इस बार भी आजसू के लिए छोड़ी है। गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र के शहरी मतदाताओं के बीच बीजेपी का साथ मिलने से आजसू के प्रत्याषी चन्द्रप्रकाष चौधरी को लाभ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं गिरिडीह के ग्रामीण मतदाताओं में झामुमो के मथुरा महतो को पीरटांड के इलाके में मजबूती मिल रही है। तो महतो जाति के युवा मतदाता जयराम के पक्ष में हैं। डुमरी में निर्दलीय प्रत्याषी जयराम हतो का जलवा दिखााई दे रहा है। वहीं मुस्लिम मतदाता फिर से झामुमो के पक्ष में हैं। चन्द्रप्रकाश चौधरी को बीजेपी का साथ बेहतर रंग लाता दिख रहा है। तो गोमिया में विधायक लंबोदर महतो के प्रभाव के कारण केला काफी मीठा लग रहा है तो युवा मतदाता जयराम के पक्ष में आकर झामुमो को कमजोर कर रहे हैं। टुडी विधानसभा क्षेत्र में तोपचांची के इलाके में जयराम महतो की तूती बोल रही है तो राजगंज में आजसू को लोग काफी संख्या में बढ़त दे रहे हैं। पोखरिया में तीर कमान की चलती दिख रही है।
बाघमारा विधानसभ्ज्ञा क्षेत्र ममें चन्द्रप्रकाश चौधरी एनडीए का जलवा दिखाते नजर आ रहे हैं तो कांग्रेस के नेता यहां झामुमो को मदद नहीं कर ापा रहे हैं। बेरमो विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो को महतो जाति के लोग एकमुष्त वोट कर रहे ळैं तो कोलियरी के इलाके में बीजेपी का साथ आजसू को मजबूत कर रहा है। बेरमो में तीर कमान काफी पिछड़ रहा है। कुल मिलाकर कहें तो चन्द्रप्रकाश चौधरी को सभी विधानसभा क्षेत्रों में वोट मिला तो वहीं मथुरा को आदिवासी और मुस्ीिलम मतदाताओं का सहारा मिला है वहीं निर्दल्ीय जयराम महतो को महतो जाति के युवा मतदाताओं ने दिलखोलकर साथ दिया है। गिरिडीह का सांसद कौन होगा यह 4 जून को पता चलेगा लेकिन इतना जरूर है कि निर्दलीय जयराम महतो के आने से झामुमो के मथुरा महतो को काफी झटका लगा है।
