चारा घोटाले मामले में एक चायवाले को भी हुई सजा

Jharkhand झारखण्ड

रांची: चारा घोटाले मामले में झारखंड की एक अदालत ने एक बार फिर अपना बड़ा फैसला सुनाया है। पशुपालन विभाग के पास चाय पहुंचानेवाले एक व्यक्ति को भी चारा घोटाले के आरोप सिद्ध होने पर उसे भी सजा सुनायी गयी है। चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाला के एक मामले आर सी 20 ए. 1996 में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने 16 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सीबीआई कोर्ट सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए पांच अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा जबकि अन्य 11 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। सभी 16 दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया है। मामले में 15 मई को सुनवाई पूरी हो गई थी। फैसला सुनाने के लिए स्पेशल जज एसएन मिश्रा की अदालत ने 29 मई की तिथि निर्धारित की थी। चाईबासा कोषागार से जुड़े 37 करोड़ की अवैध निकासी के मूल अभिलेख में लालू प्रसाद और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 46 आरोपियों को वर्ष 2013 में सीबीआई के स्पेशल जज सजा सुना चुकी है। इस मामले से जुड़े 18 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में बाद में चार्जशीट दाखिल की थी इसलिए इन आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई अन्य आरोपियों से अलग बाद में शुरू हुई थी। मामले के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने 18 आरोपियों के खिलाफ लगे आरोप को साबित करने के लिए कोर्ट में 79 गवाहों का बयान दर्ज कराए हैं जबकि 18 आरोपियों की ओर से बचाव में 5 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए हैं। 18 आरोपियों में 15 आपूर्तिकर्ता आरोपी है जबकि दो कोषागार कर्मी है और एक चायवाला पशुपालन कार्यालय के संदेशवाहक है। चायवाले ने रिश्वत लेने और संदेशवाहक के रूप् में बड़ी भूमिका अदा की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *