

पटना से योगंन्द्र यादव की रिपोर्टः-
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले एनडीए में घमासान मचा हुआ है। गठबंधन के घटक दल जनता दल यूनाइटेड व लोक जनशक्ति पार्टी का तनाव चरम पर पहुंचता दिख रहा है। एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान बिहार की नीतीश सरकार के काम-काज की खुली आलोचना करते दिख रहे हैं। उधर, जेडीयू के नेता भी एलजेपी सुप्रीमो पर खूब तीर चल रहे हैं। ताजा विवाद कोरोना की जांच को बढ़ाने के चिराग पासवान के बयान पर जेडीयू सांसद ललन सिंह के पलटवार से खड़ा हुआ है। ललन सिंह ने चिराग पासवान को सूरदास एवं कालीदास बताया, जिसके पलटवार में एलजेपी ने ललन सिंह को भी सूरदास एवं कालीदास करार दिया। खास बात यह है कि ताजा विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार में कोरोना जांच बढ़ाने की बात के साथ चिराग पासवान के सुर मिलाने से उभरा है। बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के संबंध में चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के एक ट्वीट को रिट्वीट किया। इस ट्वीट में लिखा है कि एलजेपी पहले से ही यह मांग कर रही है कि राज्य में कोरोना की जांच बढ़ाने की जरूरत है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप कर सुझाव देने के बाद आशा ही नहीं, बल्कि विश्वास है कि बिहार सरकार जांच बढ़ाएगी, ताकि राज्य को कोरोना से सुरक्षित किया जा सके। इस ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय का एक ट्वीट भी है, एलजेपी के इस ट्वीट पर जदयू सांसद ललन सिंह चिराग पासवान पर भड़क गए। उन्होंने चिराग की तुलना कालीदास से कर डाली। कहा कि कालीदास उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर बैठे थे। चिराग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। जो धरातल पर है, उनकी समझ में नहीं आ रहा है और वे विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। ललन पावान इतने पर ही नहीं रुके। एक कहावत श्निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाएश् का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। वे अपना काम करते हैं। आज की तारीख में बिहार में प्रतिदिन लगभग 83 हजार कोरोना जांच हो रही है, जिसे अगले तीन दिनों में एक लाख करने का लक्ष्य है। बिहार का रिकवरी रेट भी लगभग 66 फीसद है।जिसमें बिहार सहित कुछ राज्यों में, जहां कोरोना पॉजिटिविटी दर अधिक है, जांच बढ़ाने पर बल दिया गया है।
