चेन्‍नई में भीषण सड़क हादसे में झारखंड के 8 मजदूरों की मौत

Jharkhand झारखण्ड

चतरा: चेन्नई में गुरुवार सुबह चार बजे वर्किंग साइट पर जाने के दौरान मजदूरों के साथ यह भीषण हादसा हुआ है। मजदूरों को ले जा रही पिकअप को एक यात्री बस ने सीधी टक्‍कर मारी थी। जोरदार टक्कर में इन सभी 8 मजदूरों की मौत हो गई। घटना से मृतकों के गांव में मातम पसरा है, परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन है। इस हादसे में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जिनका इलाज स्‍थानीय अस्‍पताल में चल रहा है।षण सड़क हादसे में चतरा के आठ मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक सभी मजदूर सदर प्रखंड क्षेत्र के रहनेवाले बताए गए हैं। पीकअप वैन और बस की सीधी टक्‍कर में मरनेवालों में ऊंटा गांव के सिकेंद्र भुईयां, राजू भुईयां, मनोज रजक, कारू रजक व मदन भुईयां, मंगरदाहा गांव के अनूज भुईयां व अशोक रजक और टंडवा गांव कारू रजक तथा चमन रजक शामिल हैं। ये सभी मजदूर चेन्‍नई में विद्युतीकरण कार्य को ले एक टावर निर्माण एजेंसी में काम करते थे।
गुरुवार की सुबह जैसे ही एक साथ आठ मजदूरों की मौत चेन्नई में होने की सूचना चतरा में पहुंची, लोग मर्माहत हो गए। सदर प्रखंड क्षेत्र के ऊंटा, मंगरदाहा व टंडवा प्रखंड के सिसई गांव में घटना के बाद मातम का माहौल कायम हो गया। ऊंटा गांव में गुरुवार को घरों में चूल्हे नहीं जले। ऊंटा गांव के पांच युवकों की मौत एक साथ हो जाने से गांव के लोग गम में डूबे हुए है। ऊंटा व आसपास के गांव के लोग मृतकों के घर पहुंचकर उनके परिजनों को ढांढ़स बंधवा रहे हैं। घटना की सूचना पाकर जिला परिषद उपाध्यक्ष रूबी वर्मा, बीडीओ रंथु महतो, सीओ जामुन रविदास ऊंटा व मंगरदाहा गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात किया। बीडीओ ने बताया कि सभी मृतक के परिजनों को तत्काल सहायता के लिए 20-20 हजार रुपए दिए जाएंगे। उधर, चेन्नई में चतरा के मजदूरों की हुई मौत के बाद डीसी जीतेंद्र कुमार सिंह ने शवों को चतरा मंगवाने की पहल शुरू कर दी है। डीसी चेन्नई जिला प्रशासन से संपर्क स्थापित कर शव को चतरा लाने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। डीसी ने घटना पर दुखरू व्यक्त करते हुए कहा है कि पहले मृतकों के शव को लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रावधान के तहत जो भी सहायता दिया जा सकता है, उनके परिजनों को दिया जाएगा। चेन्नई में सड़क दुर्घटना में ऊंटा गांव के पांच युवकों की मौत के बाद गांव के अन्य लोगों में भी भय का माहौल है। इस गांव के लगभग 50 युवक चेन्नई में काम करते हैं। सभी युवक टॉवर लाइन में ही काम करते है। पिछले दस साल से अधिक समय से युवक चेन्नई में रहकर कार्य कर रहे थे। सभी युवक होली-दीवाली पर गांव आते थे। पर्व संपन्न होने के बाद फिर से वापस काम लौट जाते थे। लेकिन इस बार जब गए तो वापस नहीं लौट पाए। गांव के हीं रहने वाले भाजपा नेता उदय कुमार वर्मा ने बताया कि युवकों के मौत के बाद गांव का हर व्यक्ति दुखी है। उन्होंने बताया कि बीते लोकसभा चुनाव के समय चेन्नई में रहने वाले युवकों की टोली हवाई जहाज से सिर्फ वोट डालने के लिए गांव आए थे। वोटिंग के दूसरे दिन ही सभी वापस लौट गए थे।

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