
मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: जिस झारखंड पुलिस को देखते ही सुरक्षा की भावना आनी चाहिये अब उसी झारखंड पुलिस के गेस्ट हाउस में नाबालिक लड़की का सामूहिक दुष्कर्म होता है। जी हां, हम झारखंड में जारी जंगलराज की कर रहे हैं। झारखं डमें नाबालिक बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी जब झारखंड पुलिस से जुड़े लोग ही नाबालिक बेटियों की आबरू तार-तार करते रहेंगें तो। झारखंड की राजधानी रांची के पुलिस गेस्ट हाउस में 12 अगस्त को एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म हुआ। मामला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समक्ष आने पर पूरी जानकारी के लिये राज्यपाल ने बाल कल्याण समिति, रांची की अध्यक्ष रूपा कुमारी को राजभवन बुलाकर पुरानी पुलिस लाइन के समीप स्थित पुलिस गेस्ट हाउस में 12 अगस्त को नाबालिग से हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जानकारी ली। राज्यपाल ने इसे समाज के लिए अत्यन्त शर्मसार करनेवाली घटना बताते हुए कहा है कि वह इस प्रकार की शर्मनाक एवं निंदनीय घटना के संबंध में राज्य के वरीय पुलिस पुलिस अधिकारियों से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि पुलिस गेस्ट हाउस में पुलिस कर्मियों द्वारा इस प्रकार का कृत्य किए जाने की सूचना से वे अत्यंत आहत हैं। पुलिसकर्मी सरकार एवं शासन की छवि होते हैं। वह इस प्रकार का कार्य करेंगे तो लोग किस पर विश्वास करेंगे? इसलिए वह घटना की पूर्ण जानकारी लेते हुए अपराधियों पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को देंगी। रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र के पुरानी पुलिस लाइन के समीप बने पुलिस गेस्ट हाउस में 12 अगस्त को एक 14 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। मामला तब सामने आया, जब बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने पीडीति छात्रा का बयान लिया। इससे पूर्व छात्रा के पिता ने थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। छात्रा के पिता के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सीडब्ल्यूसी को छात्रा ने बताया कि 12 अगस्त को वह अपने दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुलिस गेस्ट हाउस गयी थी. वहां विपुल ने शर्मा जी नामक युवक को भी गेस्ट हाउस में बुला लिया. उसने पांच सौ रुपये देकर विपुल को खाना लाने के लिए भेज दिया. इसके बाद शर्मा जी ने दुष्कर्म किया। उसने पीड़िता को बताया कि वह पुलिस पीसीआर में कार्यरत है. वहीं एक होटल में बार भी चलाता है। विपुल के आने के बाद शर्मा जी चला गया। इसके बाद विपुल ने भी नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार किया और ओला कैब बुलाकर नाबालिग को उसके दोस्त डाल्टेनगंज निवासी करण के पास भेज दिया. विपुल भी एक पुलिसकर्मी का संबंधी है. पीड़िता के पिता राज्य के वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी के चालक हैं।18 अगस्त को सीडब्ल्यूसी को दिये गये बयान की प्रति लोअर बाजार थाना कि पुलिस को भी मिली थी, लेकिन पुलिस ने मामले में अलग से प्राथमिकी दर्ज नहीं की। पुलिस का कहना है कि नाबालिग का बयान कोर्ट में भी कराया गया है, जिसमें उसने सिर्फ विपुल के खिलाफ दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करायी दी है।
वहीं शर्मा के बारे में नाबालिग ने केवल छेड़खानी का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार, नाबालिग के अपहरण को लेकर पहले से थाने में प्राथमिकी दर्ज है. इसलिए उसी केस में नाबालिग के साथ रेप और पोक्सो एक्ट की धारा जोड़ने के लिए न्यायालय को पत्राचार किया गया है। शर्मा नामक युवक के बारे में सत्यापन किया जा रहा है। लोअर बाजार थाना प्रभारी सतीश कुमार का कहना है कि छानबीन हो रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। 12 अगस्त को छात्रा परिजनों को घर से ट्यूशन पढ़ने की बात कर घर से निकली थी। उस दिन वह घर नहीं लौटी तो उसके पिता ने बेटी की तलाश की। इसी दौरान उन्हें पता चला कि डाल्टेनगंज निवासी करण सिंह और लाइन टैंक रोड पुलिस गेस्ट हाउस निवासी सुशांत कुमार उर्फ विपुल उनकी बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गये हैं। 13 अगस्त को छात्रा के पिता ने दोनों के खिलाफ लोअर बाजार थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी। 14 अगस्त को पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर छात्रा को बरामद कर लिया और दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। लेकिन छात्रा ने पुलिस को दुष्कर्म की जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद छात्रा का बयान लेने के लिए सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया था. जहां उसने गैंग रेप होने की बात बतायी। राज्यपाल ने इस मामले में अपनी गंभीरता दिखाई है जिससे आनेवाले दिनों में इस बलात्कार की घटना से जुड़े लोगों को कानून के कठघरे में देखा जा सकता है।
