

मुखर संवाद के लिये मनोहर यादव की रिपोर्टः-
पटना:पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझाी को बिहार की राजनीतित में विवाद का ही दूसरा नाम मामना जाता है। पहले महागठबंधन को जीतनराम मांझाी ने परेशान कर रखा था तो अब उनके एनडी में शामिल होने के साथ ही एनडीए में लोजपा और भाजपा की फजीहत हो रही है। जीतनराम मांझाी कभी किसी के भी वफादार नहीं रहे हैं। जब नीतिश कुमार ने उनको मुख्यमंत्री बनाया था तो वह नीतिश को ही परेशान करने लगे थे और महागठबंधन में लालू प्रसाद यादव को परेशान करते। लेकिन अब बिहार चुनाव के पहले पाला बदलने के बाद अब जीतनराम मांझी लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान से उनकी ठन गयी है। एनडीए में जीतनराम मांझी के शामिल होने के साथ गठबंधन में कलह भी सामने आने लगा है। एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए श्हमश् अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि अगर चिराग सवाल उठाएंगे तो उनकी पार्टी जवाब जरूर देगी। उन्होंने कहा कि वे एनडीए में फायदे के लिए नहीं, बल्कि बिना शर्त शामिल हुए हैं। अगर फायदे की राजनीति करनी होती तो राज्यपाल बन गए होते। एनडीए ने उन्हें पहले इसका ऑफर किया था। एनडीए में जीतनराम मांझी के शामिल होने के साथ गठबंधन में कलह भी सामने आने लगा है। एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए श्हमश् अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि अगर चिराग सवाल उठाएंगे तो उनकी पार्टी जवाब जरूर देगी। उन्होंने कहा कि वे एनडीए में फायदे के लिए नहीं, बल्कि बिना शर्त शामिल हुए हैं। अगर फायदे की राजनीति करनी होती तो राज्यपाल बन गए होते। एनडीए ने उन्हें पहले इसका ऑफर किया था। जीतनराम मांझी ने कहा है कि चिराग पासवान कहते हैं कि वे उन सभी सीटों पर लड़ेंगे, जहां जेडीयू के उम्मीदवार होंगे। अगर वे ऐसा करेंगे तो हम भी एलजेपी के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगा। अगर चिराग एनडीए में हैं तो ठीक से रहें। ऐसी बातें ठीक नहीं हैं। मांझी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वे एनडीए में इसलिए हैं, क्योंकि नीतीश कुमार वहां हैं। उनका गठबंधन नीतीश कुमार के साथ है। गुरुवार को उन्होंने एनडीए में चिराग पासवान द्वारा नीतीश कुमार पर हमले को लेकर कहा कि इसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे अगर चिराग मुख्यमंत्री पर हमला करते हैं तो वे जवाब देंगे। उन्होंने चिराग को सलाह दी कि वे नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं जाएं।मांझी ने बिहार में दलित राजनीति को लेकर भी एलजेपी पर हमला किया। कहा कि एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान ने अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा के दौरान दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया। अगर उन्होंने कुछ किया है तो बताएं। मांझी के एनडीए में आने के बाद कहा जा रहा था कि एनडीए में रहते हुए जिस तरह एलजेपी की दोस्ती बीजेपी से है, ठीक उसी तरह मांझी जेडीयू के साथ रहेंगे। अब ऐसा दिख भी रहा है। एनडीए में चिराग पासवान नीतीश कुमार के काम की आलोचना करते रहे हैं। अब एनडीए में मांझी चिराग की बातों को काटने के लिए नीतीश कुमार के साथ खड़े दिख रहे हैं। नीतिश कुमार के साथ अब जीतनराम अपनी वफादारी का सबूत देने की जी तोड़ कोशिश करने की रणनीति के तहत ही ऐसा बयान दे रहे हैं।
