

मुखर संवाद के लिये संवाददाता अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड में जेपीएससी की सिविल सर्विस की परीक्षाओं में आरक्षण नहीं दिये जाने को लेकर समय-समय पर आंदोलन किये जाते रहे हैं। छठी जेपीएससी की परीक्षा में आरक्षण को लेकर छात्रों ने सवाल खडे किये हैं। छात्रों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित राज्य सरकार से गुहार लगायी जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केवल आश्वासन ही देते रहे। इसके बाद आज छात्रों के हित में झारखंड हाईकोर्ट की ओर से याचिका पर पहल की है। छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने जेपीएससी के जवाब पर याचिकाकर्ताओं को जवाब देने का निर्देश देते हुए 25 अगस्त को सुनवाई निर्धारित की है। वादी कृष्ण मुरारी चैबे ने क्वालीफाई मार्क्स को प्राप्तांक में जोड़ने को गलत बताया है। कैडर चयन में आरक्षण का लाभ नहीं देने के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा है। चंदन कुमार ने याचिका दाखिल कर कहा है कि रिजर्व कैटगरी से होने के बाद भी कैडर सेलेक्शन में आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। आरक्षण लागू नहीं करने को लेकर छात्र राज्य के अधिकारियों पर सवाल उठाते रहे हैं। सूबे की कार्मिक सचिव रही निधि खरे को राज्य के छात्र आरक्षण विरोधी मानते रहे है।
