
रिपोर्टः- अशोक कुमार
रांची: विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड की जनता के समक्ष वादों का पिटारा एक बार फिर से खोल दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार को देर शाम अपना घोषणा पत्र जारी किया। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सत्ता में आने के बाद हम सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देंगे। साथ ही 25 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे। इस मौके पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन भी उपस्थित थे। झामुमो के संकल्प घोषणा पत्र की प्रमुख बातें हैं- झामुमो के सत्ता में आने पर तीन उपराजधानी पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को बनाया जाएगा। कुल चार उपराजधानी होंगे। सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देंगे। 25 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएगा। किसानों की कर्ज माफी व भूमि अधिकार कानून बनेगा। महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सरकार बनने के दो साल के अंदर 5 लाख झारखंडी युवकों को नौकरी दी जाएगी। बेरोजगारी भत्ता भी दिया जाएगा। 5 साल तक उपयोग में नहीं लाए गए अधिग्रहित भूमि को रैयतों को वापस की जाएगी। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं पारा शिक्षकों के लिए सेवा, शर्त एवं वेतनमान का निर्धारण किया जाएगा। पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा। शहीदों के जन्मस्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को 2 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। शहीद के परिवार के एक सदस्य को सीधे सरकारी नौकरी देने का कानून बनाया जाएगा।
100 यूनिट तक की बिजली मुफ्त की जाएगी। जनवितरण प्रणाली से चायपति, सरसों तेल, साबुन, दाल भी दिया जाएगा।
कैंसर पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। प्राकृतिक आपाद में फसल बर्बाद होने पर 13,500 प्रति एकड़ के तहत मुआवजा दिया जाएगा। घरेलू उद्योग के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। भूमि सुधार आयोग का गठन व प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जाएगा। हर प्रखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा। पलामू, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहेबगंज एवं देवघर को 25 हजार करोड़ रुपए के लागत से विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए लुभावने वादे किए हैं। मोर्चा के घोषणापत्र को निश्चय पत्र का नाम दिया गया है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इसे जारी करते हुए अपनी प्राथमिकताएं गिनाई।इस मौके पर झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी मौजूद थे। झामुमो ने गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्थानीय लोगों के अधिकार पर ज्यादा फोकस किया है। इसके अलावा महिलाओं के अधिकार, युवाओं के अधिकार, किसान एवं खेतिहर मजदूरों के अधिकार, गरीबों के अधिकार, जल, जंगल, जमीन, आदिवासी दलित कल्याण एवं वन संरक्षण आदि भी घोषणा पत्र के एजेंडे में शुमार है। रांची प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुखातिब हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो बेरोजगार अधिकार कानून ब
और राज्य के निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करेंगे। इसके अलावा सरकारी टेंडर में 25 करोड़ तक के काम सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे। भूमि अधिकार कानून बनाकर सभी स्थानीय भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसी प्रकार सरकारी नौकरी में आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने का वादा भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किया है। निश्चय पत्र के मुताबिक सरकारी नौकरी में झारखंड के पिछड़े समुदाय को 27 प्रतिशत, आदिवासियों को 28 प्रतिशत और दलितों को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा झारखंड के स्थानीय संवर्ग वर्ग के गरीब छात्रों को निशुल्क शिक्षा और छात्रवृत्ति देने का वादा किया गया है।झामुमो के घोषणापत्र में झारखंड आंदोलन के दौरान शहीद हुए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने व प्रतियोगी परीक्षा के बगैर उन्हें नौकरी देने के लिए कानून बनाने की बात कही गई है। लोहार, लोहरा, बड़ाईक जैसी जातियां जो त्रुटि बस जाति विशेष की सुविधाओं से वंचित हैं उन्हें आवश्यक संशोधन कर लाभ दिलाया जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने युवाओं के बड़े वोट बैंक को देखते हुए यह घोषणा की है कि सरकार गठन के दो साल के अंदर विभिन्न खाली पदों पर सरकारी पदों पर झारखंडी युवकों और युवतियों की नियुक्ति की जाएगी। नौकरी नहीं मिलने तक सभी बेरोजगार स्नातकों 5000 तथा स्नातकोत्तर को 7000 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा हर पंचायत में झारखंड युवक-युवतियों को पंचायती राज योजना के निर्माण और कार्यक्रम से जोड़ते हुए नियमित आय के साथ रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।झारखंड लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा में सिर्फ 100 रुपये का परीक्षा शुल्क देय होगा। सभी जातियों के गरीब छात्रों को नियुक्ति हेतु होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। हर प्रखंड में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा खाली पड़े पदों को भरा जाएगा। एक तरह से कहा जायें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंडियों से अपने अधिकार पाने का मौका देनेवालही सरकार बनाने का भरोसा दिलाने की कोशिश की है।
