
रांचीः झारखंडी कैडर के अधिकारी देश के नीति निर्धारण में अपना परचम लहरा रहे हैं। झारखंडी कैडर के अधिकारियो की मोदी सरकार में तूती बोल रही है। देश की ब्यूरोक्रसी पर झारखंड का परचम लहरा रहा है। देश के नीति निर्धारण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के झारखंड कैडर के ये अधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं। केंद्रीय कैबिनेट सचिव समेत देश भर के बड़े और महत्वपूर्ण पदों पर झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी तैनात हैं। यह पहला मौका है, जब झारखंड का कोई आईएएस अधिकारी केंद्रीय कैबिनेट सचिव बना है और एक साथ चार बड़े पदों यहीं के अधिकारी तैनात हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में सचिव रहीं 1988 बैच की अधिकारी अलका तिवारी रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में अपर सचिव हैं। वे झारखंड में वाणिज्य कर सचिव थीं। झारखंड के गृह सचिव रहे 1990 बैच के अधिकारी एसकेजी रहाटे ऊर्जा मंत्रालय में अपर सचिव और राज्य में समाज कल्याण सचिव रहे एमएस भाटिया 15वें वित्त आयोग में अपर सचिव हैं। राज्य में कार्मिक सचिव रहीं 1992 बैच की आईएएस अधिकारी निधि खरे पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में संयुक्त सचिव और राज्य कैबिनेट सचिव रहे एसएस मीणा केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं। केन्द्रीय गृह विभाग से ीलेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय तक के अधिकारियों के बीच झारखंड का परचम लहरा रहा है।
1982 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव गौबा कैबिनेट सचिव हैं। झारखंड में मुख्य सचिव थे। कैबिनेट सचिव बनने से पहले केंद्रीय गृह सचिव थे। 1984 बैच के राजीव कुमार केंद्रीय वित्त सचिव हैं। ये रांची में डीसी थे। पिछले दो दशक से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं । 1985 बैच के आईएएस अमित खरे सूचना एवं प्रसारण सचिव हैं। झारखंड में एकसाथ अपर मुख्य सचिव (वित्त) और विकास आयुक्त रह चुके हैं।1987 बैच के आईएएस एनएन सिन्हा एनएचएआई के चेयरमैन हैं। राज्य में ये पथ निर्माण व ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव थे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए झारखंड कैडर के आठ आईपीएस अधिकारी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर हैं। 1988 बैच के एसएन प्रधान एनडीआरएफ के डीजी हैं। 1986 बैच के वीएचराव देशमुख एवं 1994 बैच की संपत मीणा बीपीआरएंडडी में एडीजी व आईजी, 1989 बैच के अजय भटनागर सीआरपीफ में आईजी,1993 बैच के एमएस भाटिया आईजी सीआरपीफ, 1996 बैच के डॉ बलजीत सिंह आईबी में संयुक्त निदेशक हैं।
