
रिपोर्ट- अशोक कुमार
रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव होने को हैं और ऐसे में जनप्रतिनिधियों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार से दागी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई और मुकदमों के संबंध में जानकारी मांग कर मुख्यमंत्री रघुवर दाास की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। झारखंड हाइकोर्ट में आज झारखंड के 56 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से सभी 56 दागी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ और ईडी से भी जनप्रतिनिधियों का आपराधिक ब्योरा तलब किया गया है। त्वरित सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में वादी की ओर से पक्ष रखते हुए बहस के दौरान कहा गया कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इस दौरान अदालत में दागी जनप्रतिनिधियों के मामलों की जानकारी नहीं देने की बात भी सुनवाई के क्रम में उठायी गयी.झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को झारखंड के 56 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को लेकर हाइकोर्ट में अगली सुनवाई दिसंबर महीने में होगी। अभी हाल ही में सत्ता प्क्ष के यानि भाजपा के वर्तमान विधायक ढ़िल्लू महतो और पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला पर कार्रवाई हुई है। विधायक ढ़िल्लू महतो को धनबाद की एसडीएम कोर्ट ने एक मामले में डेढ़ साल की सजा सुनायी है जबकि पूर्व विधायक उमाशंकर यादव अकेला को हत्या के मामले में जेल भेजा गया है।
