झारखंड तो नेताओं और अधिकारियों के लिये ही बना है, सीएम के ओएसडी रहे गोपाल जी तिवारी के विरूद्ध एसीबी करेगी जांच, सीएम के आदेश के बाद गोपालजी तिवारी के खुलेंगें राज

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मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड का गठठन झारखंडियों के लिये नहीं बल्कि भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों के लिये हुआ है। आम झारखंडी जनता केवल झारखंड को लूटनेवालों को टूकर टूकर देखती रहती है। भ्रष्टाचार के नये कारनामें के लिये इन दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी रहे गोपालजी तिवारी का नाम की चर्चा पूरे जोरों पर है। गोपाल जी तिवारी वहीं शख्स है जिनके इशारों पर झारखंड में हेमंत सरकार चलती थी। अपने पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रुपये कमाने व आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में सोमवार की देर रात प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली गई है। अधिवक्ता राजीव कुमार के बयान पर दर्ज पीई में गोपाल जी तिवारी पर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने और करीब 21.55 करोड़ रुपये के निवेश करने का आरोप है। उनपर जमीन व फ्लैट में बड़ी राशि निवेश करने और अनाधिकृत रूप से विदेश यात्रा का आरोप है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 24 जुलाई को ही अधिवक्ता राजीव कुमार की शिकायत पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में गोपाल जी तिवारी के खिलाफ एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया था। यह पहला मामला है, जब मुख्यमंत्री ने अपने ही विशेष कार्य पदाधिकारी के खिलाफ एसीबी से जांच का आदेश दिया है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी शिकायत पत्र में गोपाल जी तिवारी के बेटे के नाम पर निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मुख्यमंत्री को सौंपा था, जिसमें यह आरोप लगाया था कि मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक एक कंपनी बनाई गई है, जिसमें गोपाल जी तिवारी का बेटा भी पार्टनर है। इस कंपनी का कार्यालय अशोक नगर रोड नंबर चार में है। कंपनी का दूसरा पार्टनर डोरंडा के नाथ ऑफिस पाड़ा निवासी जयदेव चटर्जी, तीसरा पार्टनर मोरहाबादी आशाश्री गार्डन निवासी निलभ है, जिसके पिता का नाम जी तिवारी बताया गया है। शिकायत में बताया गया है कि जी तिवारी ही गोपाल जी तिवारी हैं, क्योंकि गोपाल जी तिवारी का जो पता है, निलभ का भी वही पता है। मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक कंपनी ने 9.5 करोड़ रुपये की लागत से 136 डिसमिल जमीन खरीदी है।इसके अलावा गोपाल जी तिवारी ने गुरुग्राम में 12.5 करोड़ रुपये की लागत से एक फ्लैट खरीदी है। शोभा इंटरनेशनल सिटी में भी बेटे के नाम पर एक फ्लैट है। गलत तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। करीब 21.55 करोड़ रुपये का निवेश किया। अशोक नगर में मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक कंपनी में गोपाल जी तिवारी के बेटे निलभ भी पार्टनर हैं। इस कंपनी ने 9.5 करोड़ रुपये की लागत से 136 डिसमिल जमीन खरीदी। गोपाल जी तिवारी कई वर्षो से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नजदीक रहे हैं और पिछले तीन महीने पहले तक हेमंत सरकार की रणनीति तय हकिया करते थे। ऐसे में गोपालजी तिवारी के उपर लगे ओरोंपो की आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक भी पहुंच सकती है। हालांकि हेमंत सरकार के विरूद्ध गोपाल जीतिवारी को विपक्ष हथियार भी बना सकता है।

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