झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कलह के कारण बने हेमंत सोरेन

Jharkhand झारखण्ड

नयी दिल्ली: झारखंड में कांग्रेस की कलह की वजह कांग्रेस के नेता नहीं बने हैं बल्कि झामुमो के नेता हेमंत सोरेन इस सारी कलह की जड़ में दिखायी दे रहे हैं। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद का दावेदारी करना ही कांग्रेस के अंदर जारी कलह की मुख्य कारण है। पार्टियों के भीतर पद और कद की दौड़ में नेताओं के आपसी घमासान तो झारखंड की जनता ने बहुत देखे हैं। मगर शायद ये पहला मौका है कि जब किसी एक पार्टी में तकरार की वजह, दूसरी पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना है। प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान और सिर फुटौव्वल के पीछे संभवतरू झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को बतौर सीएम प्रोजेक्ट कर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का मुद्दा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार लोकसभा चुनाव के समय हुए महागठबंधन के वादे को आगे बढ़ाते हुए हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के पक्षधर बताए जाते हैं। जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय व झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी समेत कांग्रेस के कई प्रभावशाली नेता हेमंत सोरेन को नेतृत्व सौंपने के विरोधी बताए जा रहे हैं। अब आज यही मुद्दा सुलझाने के लिए दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद शनिवार को हो रही बैठक के लिए दिल्ली के बुलावे पर राज्य के सीनियर कांग्रेसी लीडर दिल्ली पहुंच गए हैं। पदाधिकारियों का पूरा कुनबा पहले से दिल्ली में है। सांगठनिक मामलों के प्रभारी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह बैठक बुलाई है। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और इसमें नेतृत्व के साथ ही चुनाव के पूर्व संगठन में प्रदेश के नेतृत्व के मुद्दे पर हंगामेदार चर्चा होने की संभावना है। जय कुमार की ओर से कहा जा रहा है कि हेमंत सोरन के नेतृत्व में चुनाव की वकालत करने के कारण ही कांग्रेस के कई नेता जब तब प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा रहे हैं। हाल में डाॅ. अजय कुमार के खिलाफ राज्य के कई सीनियर नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। वे लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही नेतृत्व परिवर्तन के लिए दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। बताते चलें कि सीनियर कांग्रेस नेताओं के विरोध को देखते हुए ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने बैठक बुलाने का आश्वासन दिया था लेकिन गुरुवार को कांग्रेस भवन में कांग्रेस के दो गुटों के बीच हुई तीखी झड़प की सूचना मिलने के बाद दिल्ली के नेतृत्व ने तत्काल बैठक बुलाने का निर्णय लिया। इस बैठक के बाद तहागठबंधन में कां्रगेस की स्थिति का ेलेकर भी अंतिम रणनीति बन सकती है।

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