
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
खूंटी: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की केंद्रीय समिति की बैठक रविवार को खूंटी के चौधरी मिलन पैलेस में आयोजित किया गया। यह बैठक आगामी कार्यक्रमों, निकाय चुनाव एवं संगठन विस्तार के मुद्दे पर रखी गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने किया, जबकि संचालन खूंटी जिला प्रभारी राजन चौधरी ने किया।
इस बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने कहा कि संगठन के बिना जीवन अधूरा है. आज के समय में हर स्तर पर एकता और संगठन की जरूरत है. वैश्यों को भी अपना हक-अधिकार लेने के लिए एक होना ही होगा. इसके लिए वैश्य मोर्चा ही एक मात्र ऐसा संगठन है जो गत 18 वर्षों से समाज के मुद्दे को लेकर लड़ रही है. और आगे भी वैश्य मोर्चा ही लड़ेगी। इसके पूर्व बारी बारी से अपने विचार प्रकट करते हुए उपस्थित पदाधिकारियों ने कहा कि वैश्य मोर्चा को अपने मुद्दों पर पुनः क्रमवार आंदोलन प्रारंभ करना चाहिए. आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार और विधायकों को आंदोलन के माध्यम से मुद्दों की याद दिलाना चाहिए।
बैठक में तीन प्रस्ताव भी पारित किये गये. पहले प्रस्ताव में कहा गया कि ओबीसी को 27ः आरक्षण, जाति आधारित जनगणना, वैश्य आयोग का गठन, छोटे व्यापारियों के 10 लाख रुपये तक की ऋण माफी आदि मांगों को लेकर पुनः आंदोलन शुरू किया जायेगा. जबकि दूसरे प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ दिए गए बयान वापस लेने की मांग की गई. तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि निकाय चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट कागजों में किया जा रहा है, इसका वैश्य मोर्चा विरोध करती है और घर घर जा कर ट्रिपल टेस्ट करने की मांग करती है। इस बैठक में मुख्य रूप से वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार साहु, केंद्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मण साहु, उप प्रधान महासचिव उपेन्द्र प्रसाद, अशोक गुप्ता, केंद्रीय महासचिव कपिल प्रसाद साहु, रामाशंकर राजन, दिलीप प्रसाद, शिव प्रसाद साहु, संगठन महासचिव कृष्णा साहु, अनिल वैश्य, जगदीश साहु, चतुर साहु, केंद्रीय सदस्य डॉ. अरविंद कुमार, संजय साहु, जिलाध्यक्ष रोहित कुमार साहु (रांची), देवेन्द्र मंडल (देवघर), महिला मोर्चा की कार्यकारी अध्यक्ष दीपारानी कुंज, युवा मोर्चा के अध्यक्ष हलधर साहु, सचिव आदित्य पोद्दार, विजय कुमार, मनोज कुमार, रमेश साहु, धन्नजय कुमार, अभिषेक कुमार, तरुण साहु आदि उपस्थित थे।
