रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड में भी मजदूरेां का पलायन जारी है और मजदूरों का सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करना प्रदेश पर भारी पड़ सकता है। 21 दिन के लॉकडाउन के पांचवें दिन पड़ोसी राज्यों बंगाल, बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़ से मजदूरों का अपने घर की ओर पलायन जारी है। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों में भी मजदूरों समेत कई लोग अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। कई लोग बाइक से तो कई पैदल ही पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बंगाल से आसनसोल के बॉर्डर होते हुए एनएच-2 पर मजदूर व आमजन गाड़ियों में सवार होकर झारखंड, बिहार और यूपी की ओर रवाना हो रहे हैं। इन गाड़ियों में लोगों की इतनी भीड़ जुट रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर सवाल उठ रहे हैं। इन लोगों का सोशल डिस्टेंसिंग को हल्के में लेना कई लोगों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। राजधानी में पिछले चार दिनों के लॉकडाउन के मुकाबले पांचवें दिन सड़कों पर भीड़ कम दिखी। लोग अब घरों से निकलना कम कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग को अपनी आदतों में शामिल कर रहे हैं। लॉकडाउन के पांचवें दिन रविवार को इसका असर भी दिखा। आम दिनों की तरह सब्जी दुकानों पर भीड़ नहीं थी, जो लोग खरीदारी के लिए निकले भी तो वो जल्द अपने घरों की ओर लौट गए। वहीं, कोरोनावायरस के बचाव व लॉकडाउन का सख्ती से पालन को लेकर चैक-चैराहे पर पुलिस तैनात रही जो बिना वजह सड़कों पर निकले वाहन चालकों से पूछताछ कर रही है। साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह भी दे रही है। झारखंड सरकार की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं होने के कारण भी यह खतरा आनेवाले दिनों में पूरी तरह से बेकाबू हो सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों से अपील की है कि लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।
