टिकट बंटवारों को लेकर इंडिया गठबंधन के अंदर मचा है घमासान, गठबंधन के प्रत्याशियों को बदलने की मांग हुई तेज

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांचीः इंडिया गठबंधन में सीटों के गलत बंटवारे से बीजेपी को वॉक ओवर देने का आरोप उनके ही नेता लगा रहे हैं। इंडिया गठबंधन में पिछड़ो की उपेक्षा करने और सवर्ण जाति के प्रत्याशियों को तरजीह देने का आरोप लग रहा है। इंडिया गठबंधन के प्रमुख दलों कांग्रेस और झामुमो ने लंबी माथापच्ची के बाद ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब दोनों ही पार्टियों को कई सीटों पर अपने ही दल के नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।दोनों दलों के सामने अभी पार्टी के भीतर का असंतोष थामने की चुनौती है। ऐसे में भितरघात का भी खतरा है। जो नेता प्रत्याशी बनने के लिए लाबिंग कर रहे थे, वे चुनाव के दौरान मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। यह महागठबंधन के लिए सिरदर्द हो सकता है।

गोड्डा संसदीय सीट पर विरोध का स्वर कुछ ज्यादा ही मुखर है। कांग्रेस की ओर से महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह को यहां प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसका विरोध किया जा रहा है। पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव भी यहां टिकट की दौड़ में थे। उन्हें मौका नहीं मिलने से उनके समर्थक निराशा है। समर्थकों ने खुलकर विरोध भी किया। ओबीसी मतों की संख्या के आधार पर प्रदीप यादव दावेदारी कर रहे थे। चुनाव में उनकी नाराजगी गुल खिला सकती है। पूर्व सांसद फुरकान अंसारी भी गोड्डा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं। उनके पुत्र विधायक इरफान अंसारी ने भी उन्हें टिकट नहीं देने के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। इरफान का कहना है कि पार्टी और महागठबंधन दोनों को प्रत्याशी चयन में अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। फुरकान अंसारी के समर्थकों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने इरफान अंसारी के विरुद्ध भी प्रदर्शन कर दिया और नाकाम बताया। राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव और पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव ने भी महागठंबधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इंडिया गठबंधन में मुस्लिम और यादव की उपेक्षा हो रही है। राज्य की 14 लोस सीटों में कहीं भी मुस्लिम और यादव को टिकट नहीं मिला है। झारखंड में यादव और मुस्लिम की बड़ी आबादी है, इन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

गोड्डा, कोडरमा एवं चतरा में इंडिया गठबंधन को पुनर्विचार करना ही होगा। चतरा में राजद की दावेदारी प्रबल है। विरोध के स्वर झामुमो कोटे की सीट सिंहभूम पर भी है। वहां ृहोृ जनजाति का प्रत्याशी देने का दबाव है। घोषित प्रत्याशी जोबा मांझी संताल जनजाति से संबंध रखती हैं। इसके अलावा कुछ प्रत्याशियों पर बाहरी का ठप्पा लगाया जा रहा है। चतरा से कांग्रेस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी और धनबाद से प्रत्याशी अनुपमा सिंह के खिलाफ भितरखाने विरोध हो रहा है। दोनों को बाहरी बताकर टिकट की रेस में लगे कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। बोकारो में कांग्रेस के पूर्व जिला महासचिव अमित सिंह ने अनुपमा सिंह का विरोध करते हुए इस्तीफा तक दे डाला है। अंदरखाने में यह भी चर्चा है कि टिकट वितरण में प्रदेश अघ्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर पर पैसे लेकर खेला करने का भी आरोप नेता लगा रहे हैं।

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