
डायन होने के आरोप में गुमला में चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या गुमला: झारखंड में माॅब लिंंिचग के जरिये हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखंड में एक बार फिर सुनियोजित तरीके से मॉब लिंचिंग कर मानवता का खून किया गया है। यहां डायन के संदेह में चार लोगों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गयी है। गुमला जिले के सिसई प्रखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर सिसकारी गांव में हुए इस नरसंहार में रविवार तड़के 3 बजे 10 से 12 अपराधियों ने घर में से खींचकर चार लोगों को बाहर निकाला और फिर उनकी गला काटकर हत्या कर दी। नरसंहार को अंजाम देने से पहले गांव में हत्यारों ने पंचायत लगाई थी। चारों लोगों पर ओझा गुनी और टोना-टोटका का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर दी गई। गुमला के एसपी अंजनी कुमार झा ने कहा कि अब तक की जानकारी के मुताबिक यह वारदात अंधविश्वास के कारण हुई है। जिनकी हत्या की गई है, उन पर जादू-टोना करने का आरोप है। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अंजनी कुमार झा, बसिया एसडीपीओ दीपक कुमार और काफी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पहुंच गए गई गई है। ग्रामीणों के मुताबिक आज पहले सुबह करीब 3बजे भोर में 8 से 10 की संख्या में नकाबपोश अपराधी अग्नि देवी के घर पहुंचे और दरवाजा खटखटा कर उसे बाहर आने को कहा, बाहर आते ही नकाबपोश हत्यारों ने उसे अपने कब्जे में ले लिया और गांव के अगला में ले गए। इसी तरह चापा उरांव और उसकी पत्नी तीरो देवी और सुना उरांव को जबरन घर से उठाकर गांव के अखाड़े में लाया गया। जहां चारो लोगो को लाठी डंडे से पीट-पीट कर गांव में मार डाला गया। ग्रामीणों के मुताबिक सभी वृद्धों में झाड़-फूंक का काम करते थे। फल स्वरूप आशंका जताई जा रही है कि झाड़-फूंक और ओझामती के कारण यह सनसनीखेज वारदात हुई है। इस घटना में कौन लोग शामिल है फिलहाल स्पष्ट नहीं है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने माना कि चारों लोगों की हत्या सुनियोजित घटना है। यहां पहले से आग सुलग रही थी। पलिस को इसकी भनक नहीं लग सकी। जिन लोगों की हत्या की गई है, उनमें 60 वर्षीय चापा उरांव, उसकी पत्नी पीरा उराईन सहित गांव के 2 अन्य लोग शामिल हैं। हत्या की इस घटना को डायन-बिसाही से जोड़कर देखा जा रहा है।
