

नयी दिल्ली से शुभांगी यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: सुीप्रीम कोर्ट ने झारखंड की हेमंत सोरेन को डीजीपी रहे कमलनयन चाौबे को पद से हटाने पर नाटिस जारी किया है। झारखंड में फिलहाल डीजीपी पद को लेकर कयास के कारण फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि पुराने डीजीपी को लेकर भी प्रश्न खड़ा हुइआ है तो तत्कालीन डीजीपी की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है। झारखंड में प्रभारी डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूर्व डीजीपी कमल नयन चैबे को भी प्रतिवादी बनाए जाने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। राज्य सरकार की ओर हरीश साल्वे ने पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट में राज्य में प्रभारी डीजीपी बनाए जाने को चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर 2 साल के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त किए गए कमल नयन चैबे को महज 9 महीने के भीतर पद से हटा दिया गया। प्रभारी डीजीपी का पद नहीं होने के बावजूद एमवी राव को झारखंड राज्य का प्रभारी डीजीपी बनाया गया। इसके झारखंड सरकार, यूपीएससी व प्रभारी डीजीपी एमवी राव को पार्टी बनाया गया है। कुछ दिन पूर्व ही प्रभारी डीजीपी एमवी राव दिल्ली गए थे और अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। सुप्रीम कोट्र में मामला जाने और डीजीपी को लेकर कयास लगाने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर भी राज्य सरकार को नये सिरे से सोचना होगा
