दूसरों की जांच कराने की मांग करानेवाले सरयू राय की युगांतर भारती के गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग बीजेपी ने सीबीआई से की

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मुखर संवााद के लिये शशिकांत की रिपोर्टः-
जमशेदपुर: निर्दलीय विधायक सरयू राय सदन के अंदर और सदन के बाहर सरकारी गउ़बड़ियों को लेकर लागातार मोर्चा खालते रहते हैं। तो वहीं अब बीजेपी की ओर से भी सरयू राय की विरोध में मोर्चा खोल दिया गया है। सरयू राय की युगांतर भारती की ओर से की गयी गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी के नेताओं ने मुखर होकर आवाज उठाने का दावा किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी अब विधायक सरयू राय के पीछे पड़ गई है। बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष और जमशेदपुर पश्चिम से प्रत्याशी रहे देवेंद्र सिंह ने सरकार से मांग की है कि विधायक के संरक्षण में चलने वाली गैरसरकारी संस्था युगांतर भारती द्वारा की गई गड़बड़ियों की सीबीआइ से जांच कराई जाए।देवेन्द्र सिंह ने कहा है कि आहार पत्रिका के मुद्रण, प्रकाशन व वितरण पर जो सवाल उठाये गये हैं, उसका जवाब देने के बदले सरयू राय ने एक बयान जारी कर दिया कि फाइल देख लें। यदि वे आरोपों का जवाब देने की यही परिपाटी शुरू करना चाहते हैं, तो यही सही। लेकिन वह क्यों कहते हैं कि अधिकारियों के मुंह में अंगुली डालकर सही जवाब निकलवा लूंगा। वे दूसरों से हिसाब मांगेंगे और खुद अपना हिसाब नहीं देंगे। भारतीय जनता पार्टी यह जानना चाहती है कि किस नियम-कानून के तहत बिना किसी टेंडर के जमशेदपुर के झारखंड प्रिंटर्स में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा आहार पत्रिका का मुद्रण, प्रकाशन एवं वितरण किया गया। सरयू राय स्वयं फाइल देखकर बिंदुवार जवाब देते और चाहते तो आरोप लगाने वाले पर मुकदमा कर सकते थेे, लेकिन उन्होंने जो बयान जारी किया उससे प्रतीत होता है कि वे फंस गए हैं। सिंह ने कहा कि मंत्री रहते हुए सरयू राय ने एक से एक कारनामे किए हैं, जो अब सामने आने लगे हैं।

आप सभी जानते हैं कि वे एनजीओ चलाते हैं। यह संस्था झारखंड में निबंधित नहीं है, जबकि इसकी पूरी गतिविधियां झारखंड में हो रही हैं। संस्था का कार्यालय एवं सारी गतिविधियां रांची, झारखंड में है। मतलब काम झारखंड में और रजिस्ट्रेशन बिहार में। जबकि अलग राज्य होने के बाद 2004 में झारखंड सरकार ने यह अधिसूचना जारी की थी कि बिहार एवं अन्य राज्यों के एनजीओ जो झारखंड में काम करने को इच्छुक हैं, वे इस राज्य में अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। इसके बाद भी श्युगांतर भारतीश् द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया गया। उन्होंने युगांतर भारती की गड़बड़ियों में विधायक की संलिप्तता को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्हें यह पता चला है कि युगांतर भारती द्वारा करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया है। मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए सरयू राय जी के संरक्षण में चल रही श्युगांतर भारतीश् को इन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से पानी की जांच का काम दिलाया। यह सही है कि कोई भी एनजीओ सरकार के नियम का पालन करते हुए काम ले सकता है, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन झारखंड में होना चाहिए। इतना ही नहीं, इन्होंने संस्था युगांतर भारतीश् को काम करने के लिए अग्रिम राशि दिलाई। बाद में 2018 में झारखंड में युगांतर भारती के पंजीयन के लिए आवेदन दिया गया। विभाग ने आवेदन में त्रुटि बताया। कहते हैं श्युगांतर भारतीश् का ऑडिट रिपोर्ट सही नहीं होने के कारण अंततरू इसका निबंधन झारखंड में नहीं हो सका। वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट आधी-अधूरी और गड़बडियों से भरी है। इस ऑडिट रिपोर्ट में किसी व्यक्ति का हस्ताक्षर नहीं है। यह कहा जाता है। यह भी मालूम चला है कि इसमें आय-ब्यय भी सही तरीके से नहीं दर्शाया गया है। बीजेपी के इस आरोप के बाद सरयू राय की ओर से कोई प्रतिक्रिया में क्या कुछ आता है इसके लिये अभी इंतजार होगा।

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