निजी स्कूलों की मनमानी रूकेगी, पैसे के अभाव में परीक्षा से नहीं रोके परीक्षार्थियों को: हेमंत सोरेन

Jharkhand झारखण्ड

रांची से अशोक कुमार की रिपेार्टः-
रांची: निजी स्कूलों में महंगी स्कुल फीस के कारण हजारों छात्र प्रत्येक वर्ष अपनी पढ़ाई अधूरी ही छोड़ने को विवश होते हैं। निजी स्कूलों की मनमानी से छात्र और अभिभावक काफी परेशान रहते है। मनमानी के कारण ही शहरों में पढ़नेवाले छात्र और उनके अभिभावक रिएडमिशन के नाम पर आर्थिक शोषण के शिकार भी होते रहते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छात्रों और अभिभावकों की परेशानी देखते हुए यह आदेश दिया है कि कोई भी छात्र पैसे के अभाव में वार्षिक परीक्षा से वंचित नहीं होगा। इस आदेश के बाद यह संकते मिलने लगे हैं कि झारखंड सरकार राज्‍य में निजी स्‍कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाएगी। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विभागों के कामकाज की समीक्षा बैठक में इसके संकेत दिए हैं। साथ ही किसी भी निजी या पब्लिक स्‍कूल में विद्यार्थी फीस के अभाव में वार्षिक परीक्षा से वंचित नहीं होंगे। सोमवार को झारखंड मंत्रायल में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा के क्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि निजी स्कूल किसी छात्र द्वारा फीस जमा नहीं करने पर उसे परीक्षा देने से रोक नहीं सकते। उन्होंने अधिकारियों को इस पर निगरानी रखने तथा परीक्षा रोकने वाले स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने स्‍पष्‍ट निर्देश दिया है कि आगामी आयोजित होने वाली 10वीं एवं 12वीं तथा किसी भी वर्ग की वार्षिक परीक्षा में स्कूल प्रबंधन चाहे वो कोल इंडिया या केन्द्रीय उपकृ्रमों के द्वारा संचालित स्कूल हो, सरकारी स्कूल अथवा निजी स्कूल हो, फीस के अभाव में किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा देने से वंचित नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस आदेश के बाद यह लगने लगा है कि अब निजी स्कूलों की खैर नहीं यदि वो मनमानी नहीं बंद करते।

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