मुखर संवाद के लिये पटना से शंकर यादव की रिपोर्टः-
पटना: बिहार में अब नीतिश कुमार की सरकार के बगठन को लकर कवायद बेहतर ही तेज है। नीतिश कुमार की सरकार में भाजपा की भूमिका क्या होगी इसे लेकर भाजपा विधायक दल की बैइक में भाग लेने केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पटना पहुंचेंगें। बिहार में भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव कराने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को पटना आएंगे। बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में 10 बजे बुलाई गई है। बैठक में राजनाथ के अलावा बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस और प्रभारी भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहेंगे। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को दिल्ली बुलाया है, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ सरकार बनाने और मंत्रिमंडल के गठन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।कल भाजपा के तीन बड़े नेता विशेष तौर पर बिहार में रहेंगे। राजनाथ, फड़नवीस और भूपेंद्र मिलकर अगली सरकार में भाजपा की भूमिका पर भी चर्चा कर सकते हैं। इन नेताओं के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने की पूरी उम्मीद है। भाजपा ने चुनाव से पहले ही नीतीश को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का वादा कर रखा है। भाजपा नेता उनसे सरकार गठन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात कर सकते हैं।बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर अब पूरी तरह साफ हो चुकी है। अगली सरकार राजग (छक्।) ही बनायेगा और मुख्यमंत्री फिर से नीतीश कुमार ही होंगे। इसके लिए एनडीए को राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करना है। यह दावा एनडीए विधायक दल का नेता पेश करेगा। दावा पेश करने के लिए विधायक दल के नेता के चुनाव की प्रक्रिया रविवार को पूरी कर लिये जाने की पूरी उम्मीद है। इसकी शुरुआत एनडीए में शामिल सभी चार दल भाजपा (ठश्रच्), जनता दल यूनाइटेड (श्रक्न्), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (भ्।ड) और विकासशील इंसान पार्टी (टप्च्) के लिए विधायक दल का नेता चुनने के साथ होगी। सभी चार पार्टियों के विधायक अलग-अलग दल बैठक कर अपने-अपने दल का नेता चुनेंगे। इसके बाद गठबंधन यानी एनडीए के नेता का चुनाव होगा। एनडीए विधायक दल के नेता के तौर पर नीतीश कुमार का चुनाव तय माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी में बिहार का चेहरा बदलेगा या नहीं? सुशील मोदी ही उप-मुख्यमंत्री की चाहत हैं या विधायक बदलाव चाहते हैं? ऐसे सवालों का जवाब रविवार शाम तक मिल सकता है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरसे बाद संगठन के काम से बिहार आ रहे हैं और ‘गुपचुप’ रायशुमारी कर वह यह तय करेंगे कि नेता बदलना चाहिए है या नहीं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ के इस मिशन की खबर से बिहार भाजपा में ऊपर से नीचे तक हलचल है और साथ-साथ गोलबंदी भी तेज है। राम जन्मभूमि की नींव में पहली ईंट डालने वाले भाजपा के दलित चेहरे कामेश्वर चैपाल को डिप्टी सीएम बनाने की अफवाह से मची उथलपुथल के बीच राजनाथ सिंह के अचानक बने बिहार दौरे से प्रदेश भाजपा में जबरदस्त हलचल है। कई बड़े नेताओं को राजनाथ का आना पच भी नहीं रहा है। तीन दिनों तक दिल्ली में संतों की सभा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर लौटे कामेश्वर चैपाल शनिवार को दिनभर संघ से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के कारण मीडिया से नहीं मिले, जबकि उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नए चुनाव परिणाम के बाद अचानक दिल्ली जाकर शनिवार को लौटे। इस बीच राजनाथ सिंह के रविवार को पटना आने की सूचना से खलबली है कि वह क्यों आ रहे और क्या करेंगे।प्रदेश भाजपा में सुशील कुमार मोदी का सामने आकर विरोध कोई नहीं करता है, इसलिए गुपचुप रायशुमारी की संभावना है। इस विकल्प को देखते हुए सुशील कुमार मोदी के प्रति आस्था रखने वाले विधायक हर आशंका पर दीपावली की रात ही काम करते दिखे। दूसरा समूह गया के विधायक डॉ. प्रेम कुमार को लेकर सक्रिय है। 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी डॉ. प्रेम कुमार को उप-मुख्यमंत्री बनाने की मांग थी, लेकिन छक्। की हार के बाद मामला शांत पड़ गया था। सुशील कुमार मोदी विधानसभा चुनाव में इस बार भी नहीं उतरे थे, जबकि डॉ. प्रेम कुमार गया से इस बार भी जीतकर आए हैं। दोनों ही तरफ की आस्था एकजुट हो रही है, जो राजनाथ के सामने रायशुमारी को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा अचानक सामने आए कामेश्वर चैपाल के नाम को लेकर भी गहमागहमी है, हालांकि वह खुद को इन सबसे दूर रखकर चल रहे हैं। अब देखना होगा कि भाजपा किस तरह की भूमिका का चयन अपने लिये करती है।
