पिछड़ो को किसी कीमत पर 27% आरक्षण झारखंड में मिलना ही चाहिये : नीतिश कुमार

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रांची : झारखंड में किसी भी कीमत पर पिछड़ो को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना ही चाहिये और जदयू के संकल्पों में यह आगामी विधानसभा चुनाव में शामिल रहेगा। ये बातें बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतिश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही ।जयदू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड में एसटी और एससी को उनकी आबादी के अनुरूप आरक्षण मिल रहा है, यह ठीक है। लेकिन पिछड़ों और अति पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण तो मिलना ही चाहिए, जो उन्हें अविभाजित बिहार में मिलता था। उन्होंने कहा कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट में किसी प्रकार का छेड़छाड़ जदयू बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर इनमें छेड़छाड़ की गयी तो झारखंड के आदिवासी और मूलवासी अपने ही राज्य में बेदखल होते चले जायेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड के अलग अलग क्षेत्रों की अलग अलग विशेषता और समस्याएं है। इसलिए अलग अलग क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रमंडलवार विशेष विकास प्राधिकार का गठन होना चाहिए। बुनकरों के लिए विशेष योजनाएं चलनी चाहिए तथा शराबबंदी लागू होनी चाहिए। उन्होंने इन मुद्दों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने और संगठन को मजबूती प्रदान करने के साथ भावी विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी की प्रदेश ईकाई झारखंड में विधानसभा चुनाव के संबंध में फैसला करने को पूरी तरह स्वतंत्र है। प्रदेश ईकाई निर्णय करे कि वह कहां और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हम हर तरह से मदद को तैयार हैं। नीतीश कुमार ने केंद्र अथवा झारखंड की भाजपा सरकार का नाम लिए बगैर झारखंड की बदहाली विस्तार से विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अलग झारखंड का पक्षधर थी। लेकिन अलग झारखंड बनने पर इस क्षेत्र के लोग खुश और बिहार के दुखी थे। कहा जाता था कि बिहार में तो अब केवल आलू, लालू और बालू ही बचेगा।

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