
नयी दिल्ली से शिल्पी प्रसाद की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: राजद में कोरोना संक्रमण के दौर में बहुत ही अच्छे हालात नहीं हैं। राजदके नेता जहां चुनाव में गठबंधन में दगा दे रहे नेताबों से परेशान हैं वहीं कोरोना संक्रमण का दौर भी उसे परेशान कर रहा है। राष्ट्रीय जनता दल में नाराज चल रहे कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आइसीयू में भर्ती कराया गया है। वे बीते कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं। इस दौरान तबीयत बिगड़ने के कारण अब उन्हें आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। उनके स्वास्थ्य को लेकर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चिंतित बताए जा रहे हैं।रघुवंश प्रसाद सिंह दिन कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका इलाज पटना एम्स में चला था। वहां से वे स्वस्थ होकर बाहर आ गए थे, लेकिन फिर निमोनिया के कारण दिल्ली एम्स में भर्ती कराए गए। पटना एम्स में इलाज के दौरान उन्होंने पार्टी में अपने विरोधी रामा सिंह की एंट्री के प्रयासों से नाराज होकर उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उनके इस्तीफा को पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने स्वीकार नहीं किया है।इस दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर बिहार में सियासत भी खूब हुई। खुद रामा सिंह ने उनके खिलाफ बयान देकर हालात को और बिगाड़ दिया। रही-सही कसर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने यह कह कर पूरी कर दी कि आरजेडी एक समंदर है, जिसमे रघुवंश प्रसाद केवल एक लोटा जल हैं। एक लोटा जल निकलने से समंदर को कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद खुद लालू प्रसाद यादव को डैमेज कंट्रोल की पहल करनी पड़ी। कहा जाता हैकि लालू ने तेज प्रताप को रांची बुलाकर क्लास भी लगाई। बहरहाल, बीमार रधुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी जारी है। उनके विरोध के कारण रामा सिंह को अभी तक आरजेडी में एंट्री नहीं मिल सकी है। इस मुद्दे पर उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा के फैसले पर अडिग रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी बीमारी में तेजस्वी यादव ने आकर हालचाल जाना, यह अच्छा लगा, लेकिन वे इस्तीफा वापस नहीं लेने जा रहे हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह के आईसीयू में भर्ती होने के बाद लालू खेमे में उदासी का आलम बताया जा रहा है।
