
हैदराबादः पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता रहे नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने कांग्रेस पर जमकर अपनी भड़ास और गुस्सा निकाला है। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहाराव के जयंती के के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पर गांधी-नेहरू परिवार को दरकिनार करने के कांग्रेस के आरोप पर उनके पोते एनवी सुभाष ने पलटवार किया है। तेलंगाना बीजेपी के प्रवक्ता एनवी सुभाष ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और अध्यक्ष राहुल गांधी को नरसिम्हा राव के साथ हुए अन्याय के लिए माफी मांगनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती के दौरान आयोजित कार्यक्रम में सुभाष ने कहा कि 1996 चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद, उन्हें (नरसिंहा राव) पार्टी से कई कारणों से दरकिनार कर दिया गया था जिनका उनकी सरकार की नीति से कोई लेना-देना नहीं था. कांग्रेस ने सोचा कि गांधी-नेहरू परिवार से इतर कोई आगे बढ़ जाएगा तो उनकी चमक फीकी पड़ जाएगी, इसलिए राव जी को ही किनारे लगा दिया. कहा कि कांग्रेस पार्टी की सारी कमियों को नरसिम्हा राव के मत्थे डाल दिया गया और उनके योगदान की कभी इज्जत-कद्र नहीं की गयी. मैं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मांगी की मांग करता हूं. उन्हें यहां आकर नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
सुभाष ने कहा कि दुनियाभर के लोग कांग्रेस पार्टी और देश के लिए नरसिम्हा राव जी के योगदान को मानते हैं. जब राजीव गांधी की मौत हुई थी तो वह प्रधानमंत्री बने थे। नरसिंहा राव के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गयी थी. इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा समय-समय पर कांग्रेस को घेरते रहे हैं।
हाल ही में कांग्रेस पार्टी के सचिव जी चिन्ना रेड्डी ने आरोप लगाया था कि दिवंगत नेता ने अपने कार्यकाल के दौरान नेहरू-गांधी परिवार को दरकिनार करने की कोशिश की थी. अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के मंत्री रहे रेड्डी ने राव के प्रधानमंत्री रहते हुए दिसंबर, 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर उन्हें जिम्मेदार ठहराने का भी प्रयास किया और कहा कि इसी कारण मुस्लिम समुदाय के लोग पार्टी से दूर हो गए। स्वर्गीय नरसिम्हा राव को हमेशा देश में किए गए आधुनिक आर्थिक सुधारों, लाइसेंस राज की समाप्ति के लिए जाना जाता है। 1991 में जब भारत को दुनिया के बाजार के लिए खोला गया, तो नरसिम्हा राव ही प्रधानमंत्री थे. वह 21 जून 1991 से लेकर 16 मई 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अगर पीवी नरसिम्हा राव की बात करें, तो उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्रप्रदेश(अविभाजित) में हुआ था। प्रधानमंत्री का पद संभालने से पहले वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई और कांग्रेस में नेतृत्व का संकट आया तो नरसिम्हा राव को ही पीएम चुना गया.उन्होंने ही मनमोहन सिंह को अपनी सरकार में वित्त मंत्री बनाया था। लेकिन पीवी नरसिंहा राव के परिवार को कांग्रेस में स्थान नहीं मिलने और बीजेपी के प्रवक्ता होने के नाते पीवी नरसिंहाराव के पाते सभाष का यह बयान राजनीतिक गलियारों में मायने नहंीं रखता बल्क् िविरोधाभास की स्थिति ही पैदा करता है।
