पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में नहीं चल सकी गोलियां, बिना बंदूकों के सलामी के ही हुआ अंतिम संस्कार

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पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में नहीं चल सकी गोलियां, बिना बंदूकों के सलामी के ही हुआ अंतिम संस्कार सुपौल: बिहार में बहार है और नीतिशे कुमार है। यह नारा विकास का है लेकिन बिहार सरकार की कामयाबी इसी बात से झलकती है कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की उपस्थिति में ही सरकार की सक्रियता निष्क्रियता मंे बदल गयी जब पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में दिखायी दिया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। लंबे समय से बीमार चल रहे मिश्रा का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया था। अंतिम संस्कार के वक्त जब मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था, तब अजीब स्थिति बन गई। 22 जवानों ने थ्री नॉट थ्री राइफल से हवाई फायर की कोशिश की, तो एक भी बंदूक नहीं चली। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सुशील मोदी भी मौजूद थे। गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान जब पहली बार गोली नहीं चली तो जवानों ने अपनी बंदूकों और गोलियां की जांच की। वहां मौजूद अधिकारियों ने भी इन्हें जांचा। जवानों ने जब दोबारा फायर किया तो भी गोली नहीं चली। इसके बाद बिना फायर किए ही मिश्रा का अंतिम संस्कार किया। जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार तो राजकीय सम्मान से होने की घोषणा हुई थी लेकिन बिना गोली चले ही अंतिम संस्कार को अंतिम रूप दिया गया।

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