बजट को लेकर केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक थोड़ी दे बाद, आम लोगों की उम्मीदों के बजट का पिटारा खोलेगी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

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मुखर संवाद के लिये प्रमिला यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली : – कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीर स्थिति के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आज आम बजट पेश करेंगी। बजट में कर, बुनियादी ढांचा, कृषि, किसान और महिलाओं सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े ऐलान किए जाने की उम्मीद है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि मोदी सरकार की ओर से इस बजट में उन राज्यों को भी खास जगह दी जा सकती है, जिनमें इस महीने विधानसभा चुनाव हैं। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण का लगातार चौथा बजट होगा। वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंची हैं। सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें बजट को औपचारिक मंजूरी मिलेगी। इस बीच वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि वित्त मंत्री हर क्षेत्र की जरूरतों के मुताबिक समावेशी बजट पेश करेंगी।

आज के बजट से किसानों सहित सभी सेक्टर को उम्मीदें रखनी चाहिए। सबसे बड़ी उम्मीद है इनकम टैक्स की राहत वाली वैक्सीन की यानी टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाना। महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए किसान, छोटे-मंझोले व्यापारी और टूरिज्म सेक्टर को स्पेशल पैकेज के ऑक्सीजन की आस है। युवाओं को रोजगार का सपोर्ट चाहिए और इंडस्ट्री को लोन, टैक्स जैसी प्रोसेस में रिलैक्सेशन। ये मोदी सरकार का 10वां और निर्मला सीतारमण का चौथा बजट है।

लोग चाहते हैं कि टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाया जाए। 2014 में इनकम टैक्स की छूट 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई थी। इसके बाद यह नहीं बदली। 2020 में नई व्यवस्था आ गई, इसे ज्यादा लोगों ने अपनाया नहीं, इसमें सेविंग्स पर छूट नहीं थी।ज्यादातर नौकरीपेशा आजकल वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके हैं, भले वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के वर्कर्स। उनका कहना है कि घर पर बिजली, इंटरनेट, सेटअप में खर्च होता है। ऐसे में उन्हें स्पेशल छूट की उम्मीद है। दूसरी उम्मीद 80ब् का दायरा बढ़ाए जाने की है, जो 2014 के बाद नहीं बढ़ा है।चुनावी साल है और इससे पहले ही दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हुआ है। बजट में भी किसानों को उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदें पूरी भी होंगी। इनमें दो अहम हैं। पहली- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। दूसरी- च्ड किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाना। सब्सिडी बढ़ाने की भी डिमांड है।

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