बजट में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं:हेमंत सोरेन

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रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-

रांची: केन्द्रीय बजट को लेकर जहां भाजपा के सांसदों और विधायकों ने उसकी प्रशंसा की है वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय बजट को बेहद ही निराशाजनक करार दिया है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संसद में पेश किए गए आम बजट को आम लोगों की उम्मीदों के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पौने तीन घंटे के बजट भाषण में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किस मोर्चे पर क्या तैयारियां की है, इसकी कोई चर्चा नहीं की। यह बजट गरीब, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और युवाओं को हताश करने वाला है। मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को संवाददाताओं से बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बजट का अर्थशास्त्री लगातार आकलन कर रहे हैं। इसके बाद ही यह कहा जा सकता है कि इस बजट से देश का कितना विकास होगा। लोगों की उम्मीदें कितनी पूरी होंगी और इसका हमारी अर्थव्य्वस्था पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन, पहली नजर में हमारे दृष्टिकोण से केंद्र सरकार का यह बजट कहीं से विजनरी नहीं लग रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपित जो टैक्स चोरी करते हैं, उन्हें बजट के जरिए राहत देने की कोशिश की गई है। अब उन्हें टैक्स चोरी पकड़े जाने परे न तो ब्याज देना होगा और न ही पेनाल्टी लगेगी। वहीं मिडिल क्लास को आयकर में मामूली राहत दी गई है। आम लोगों ने आयकर के स्लैब में जिस छूट की उम्मीद की थी, उसे बजट में दरकिनार कर दिया गया है, इतना ही नहीं, इस बजट में ज्यादा से ज्यादा सरकारी संपत्तियों के निजीकरण किए जाने को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम बजट में विजन का पूरी तरह अभाव है। इसमें न तो दिशा दिखती है और न ही दृष्टि कि कैसे देश और देशवासियों को प्रगति के रास्ते पर आगे ले जाया सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार बजट में यह देखने को मिला है कि किस सेक्टर में कितना खर्च किया जाना है, इसका कहीं जिक्र नहीं किया गया है। बजट पूरी तरह पूंजीपतियों को समर्पित है और आम लोगों को सिर्फ दिलासा देने की कोशिश की गई है। किसी भी सूरत में इसे संतुलित बजट नहीं कहा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से मिलकर झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग रखी थी। लेकिन, आज पेश किए गए बजट में रांची में ट्राइबल म्यूजियम खोलने की बात है। इस तरह इस बजट में झारखंड की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी नहीं की गई और यहां के आदिवासियों को फिर एक बार धोखा दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय बजट को नए भारत के निर्माण का बजट बताया है। उन्होंने इसे दूरदर्शी और विकासोन्मुखी बजट बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है। रघुवर दास ने कहा है कि बजट में भाजपा के मूलमंत्र अंत्योदय को आधार रखा गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने, आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ाने और देश की प्रगति को गति देने वाला बजट है। रांची में आदिवासी संग्रहालय की स्थापना की घोषणा के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे राज्य में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

जनजातीय मामलो के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने केंद्रीय बजट को देश की आकांक्षाओं वाला बजट बताते हुए कहा है कि इसके केंद्र में अनुसूचित जनजातियों का विकास है। इसके लिए 53,700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनाने की घोषणा हुई है। कृषि उड़ान योजना से जनजाति बहुल इलाके के किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा। मध्यम वर्ग को टैक्स स्लैब में बदलाव से लाभ मिलेगा। सालाना 5 लाख तक की कमाई करनेवालों को अब आयकर नहीं देना होगा। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी कई सुधार के साथ नयी घोषणाएं की गयी हैं।
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और विधायक दल के नेता सुदेश कुमार महतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए उम्मीद जताया कि यह बजट देश को तेजी से आगे जाने वाला साबित होगा। बजट विकासोन्मुख है और इसमें तरक्की का नया नजरिया है। उन्होंने कहा कि रांची में आदिवासी संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव झारखंड में जनजातीय विकास को नया आयाम देगा. इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आवंटन के साथ किसानों के लिए 16 सूत्री फॉर्मूले की घोषणा से ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने की कोशिश के सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि बजट पूरी तरह से निराशाजनक है। गरीब और मध्यम वर्ग की जनता को झुनझुना पकड़ा दिया गया है। इसमें उद्योगपतियों के लिए काफी िचंता की गई है। इस बजट से व्यवसायी वर्ग को छोड़कर हर वर्ग में निराशा है। हर वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। रोजगार के लिए ठोस पहल नहीं कुछ भी नहीं किया गया है।
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट को गांव, गरीब और किसानों का बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गों के हित का ख्याल रखा गया है। मध्यमवर्गीय परिवारों को आय कर में बड़ी राहत देकर सरकार ने नए वर्ष का तोहफा दिया है। वहीं दूसरी तरफ बजट का मुख्य फोकस देश में आधारभूत संरचना का विकास है।
आजसू पार्टी के नेता और सांसद चंद्र प्रकाश चैधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में वित्तीय वर्ष 2020 -21 के लिए पेश किए गए आम बजट का स्वागत किया है और इसे आम जनों का बजट बताया है। बजट में समाज के हर वर्ग के साथ- साथ गांव किसान खेत खलिहान का विशेष ध्यान रखा गया है। यह बजट देश को समृद्ध बनाने वाला है। मध्यम वर्ग के हितों की रक्षा के साथ-साथ आयकर दाताओं को राहत दी गई है। आयकर छूट में हर तबके का ध्यान रखा गया है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उपाय किए गए हैं।
रांची से भाजपा के सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में आदिवासी संग्रहालय की स्थापना को लेकर केंद्र सरकार ने गंभीरता दिखाई है। आदिवासी संस्कृति व उनके इतिहास को संरक्षण देने की दिशा में यह जोरदार कदम है। इससे पर्यटन के साथ साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। झारखंड विश्व के मानचित्र पर अपनी मजबूत छाप बनाने में सफल होगा।

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